पैसों के लेन-देन पर से जानलेवा हमला कर घायल करने वाले आरोपी को 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

Sagar : पैसों के लेन-देन पर से जानलेवा हमला कर घायल करने वाले आरोपी को 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । पैसों के लेन-देन पर से जानलेवा हमला कर घायल करने वाले आरोपी राजीव अहिरवार को न्यायालय-सत्र न्यायाधीष, सागर जिला सागर, श्रीमान एम0 के0 शर्मा की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि.की धारा-307 के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-506(भाग-2) के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । मामले की पैरवी लोक अभियोजक सागर ने की ।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है षिकायतकर्ता ने थाना मकरोनिया में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 03.02.2022 को रात करीब 12ः00 बजे वह और उसका दोस्त शुभम विष्वकर्मा अपने दोस्त को छोड़ने उसके घर पुरानी मकरोनिया आ रहे थे तभी रास्ते मे ंरविदास भवन के पास शुभम विष्वकर्मा बोला कि आरोपी राजीव अहिरवार फरार है उसे उससे पैसे लेने है तो शुभम विष्वकर्मा आरोपी राजीव के पास चला गया और वे लोग गाड़ी के पास खड़े रहे थे तभी शुभम विष्वकर्मा एवं आरोपी राजीव अहिरवार के बीच पैसों की बात पर से वातावरण होने लगा आरोपी राजीव अहिरवार, शुभम को गंदी-गंदी गॉलिया देने लगा और अपनी फोर-व्हीलर गाड़ी में रखा लोहे का पाइप निकालकर जान से मारने की नियत से शुभम विष्वकर्मा के सिर पर मारा जिससे खून निकलने लगा आरोपी ने दूसरा पाइप पीठ में एवं तीसरा पाइप हाथ में मारा । शुभम विष्वकर्मा वहीं पर बेहोष होकर जमीन पर गिर पड़ा । वह और उसक दोस्त बीच बचाव करने आये तो आरोपी राजीव अहिरवार ने उन लोगों को भी गंदी-गंदी गालियॉ दी और कहा बीच में आये तो उन्हें भी जाने से खत्म कर देगा। फिर मैने 108 एंबुलेस को फोन लगाया और गाड़ी आने पर दोस्त शुभम विष्वकर्मा को इलाज हेतु तिली अस्पताल एव ंबीएमसी लेकर गया था जहॉ यह बताया गया कि चोट अधिक है इसलिये वह और उसका दोस्त शुभम को राय अस्पताल मकरोनिया लेकर आ गये थे एवं शुभम को भर्ती कर उसके पिता को फोन से घटना की सूचना दी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 294ए506;भाग-2द्धए307 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय-सत्र न्यायाधीष, सागर जिला सागर श्रीमान एम0 के0 शर्मा की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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