प्रकृति और संस्कृति से समृद्धि की राह प्रशस्त करें: प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

प्रकृति और संस्कृति से समृद्धि की राह प्रशस्त करें: प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

सागर। डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के समाज शास्त्र विभाग, उन्नत भारत अभियान और मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में “सम्वाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता एवं नोडल अधिकारी प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि सफलता के रचनात्मक स्वरूप को पाने के लिए प्रकृति की न्याय व्यवस्था और संस्कृति के कल्याण कारी मूल्यों का अनुपालन करना चाहिए. प्रकृति और संस्कृति से व्यक्तित्त्व को निखार मिलता है।”

प्रोफेसर राजपूत ने शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए उनको श्रेष्ठता के शिखर पर पहुँचने के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छात्र जीवन जिंदगी का स्वर्णिम काल होता है, जो खुद अपनी राह बनाता है, खुद का आसमान गढ़ता है और खुद ही अपना इतिहास रच सकता है, इसलिए हमको अपने समय और सामर्थ्य को पहचान कर सदुपयोग करना चाहिए.

कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने अपनी जिज्ञासाएं, समस्याएं एवं सुझाव रखे. कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए. सम्वाद एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में समाजशास्त्र समाज कार्य, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के शोधार्थियों विद्यार्थियों ने सहभागिता की और पौधारोपण किया।

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