उपनयन संस्कारित बालक अपने अन्दर ब्राम्हणत्व गुण संकलित करे- डाॅ अनिल तिवारी
सागर। संस्कृत विद्यालय सागर में 21 मार्च बंसत में उपनयन संस्कार का आयोजन किया गया जिसमें 45 विप्र बालको का उपनयन यज्ञोपबीत संस्कार हुआ। कार्यक्रम में शामिल डाॅ अनिल तिवारी वरिष्ट भाजपा नेता एवं संस्थापक कुलपति स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय ने सम्बोधन में कहा कि पहले सनातन धर्म की शिक्षा इसी संस्कृत विद्यालय जैसे गुरूकुलो में हुआ करती थी और यज्ञोपवीत की उत्पत्ति और धारण करने की परम्परा अनादि काल से है, आधुनिकता के दौर में शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय और बड़े-बड़े संस्थान बन गए लेकिन अब पुनः समुदाय गुरूकुलो की और अग्रसर हो रहा है। उपनयन बालको को संदेश दिया कि हमारे अन्दर ब्राहम्णत्व होना चाहिए क्योकि ब्राहम्ण जाति में हमने जन्म नहीं लिया हमारा जन्म भगवान ने ब्राहम्ण जाति में कराया है परन्तु ब्राहम्ण कर्म हमारे हाथ में है जिसे अपने जीवन में संकलित करके अपना ही नहीं समाज का उत्थान करके अपने कुल जाति और सनातन धर्म को गौरान्वित करे। डाॅ अनित तिवारी ने संस्कृत विद्यालय के लिए प्रत्येक वर्ष व्यक्तिगत रूप से 12000 रूपए सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम को नगर विद्यायक शैलेन्द्र जैन से सम्बोधित किया गया। कार्यक्रम में पं. संत विपिन बिहारी पं. रामकुमार खंपरिया शुकदेव तिवाजी बासुदेव दुबे पं. के के सिलाकारी पं. रमाकांत त्रिवेदी पं. रामचरण शास्त्री हरिमहाराज पं. ज्वालाप्रसाद रिछारिया पं. उमाकांत गौतम शक्ति मिश्रा शिवनारायण शास्त्री देवाशीष प्यासी अमित कटारे शरद मिश्रा सहित अनेक विप्रजन और मातृशक्तिया उपस्थित थी।