11 साल बाद शिवयोग में महाशिवरात्रि, ज्योतिषाचार्य से जानें पूजा विधि….

11 साल बाद शिवयोग में महाशिवरात्रि, ज्योतिषाचार्य से जानें पूजा विधि….

इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 साल बाद शिवयोग में 8 मार्च शुक्रवार को मनाई जाएगी। भक्तों के लिए इस दिन परमसिद्ध योग भी बन रहा है। ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस दिन व्रत रखने से महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत का लाभ एक साथ प्राप्त होगा। व्रत रहकर श्रद्धा भगवान भोलेनाथ को जल, दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा पुष्प इत्यादि अर्पण कर पूजा-अर्चना करेंगे। इस दिन मंदिरों व घरों में भजन-कीर्तन-रात्रिजागरण का भी कार्यक्रम होगा। पंडित शरद चंद्र मिश्र ने बताया कि भगवान शिव की पूजा में रुद्राक्ष, भस्म और त्रिपुंड धारण का विशेष महत्व है। ये तीनों वस्तुएं सुलभ हैं। शिवलिंग पर बिल्वपत्र, आक, कनेर, द्रोण, कुश धतूरा एवं शमी के फूल, अपामार्ग (चिचिड़ा), शमी के पत्ते और नीलकमल अर्पित करने का विशेष महत्व है। भगवान शिव को कुछ ऐसी वस्तुएं अर्पित की जाती हैं, जो अन्य देवताओं को नहीं चढ़ाई जाती हैं। बताया कि महाशिवरात्रि पर शिव जी के निमित्त उपवास करते हुए मन, वचन और कर्म से उनके लिए किया गया पूजन कल्याण करने वाला होता है। महिलाएं महाशिवरात्रि का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखेंगी।

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