स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में बड़े हर्षोउल्लाष के साथ मनाया गया भारत देश का 75वाँ गणतंत्र दिवस

स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में बड़े हर्षोउल्लाष के साथ मनाया गया भारत देश का 75वाँ गणतंत्र दिवस

हम भारत को माता के रूप में मानते है – महामान्य कुलाधिपति, डॉ० अजय कुमार तिवारी

सागर। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में बड़े हर्षोउल्लाष के साथ मनाया गया भारत देश का 75वाँ गणतंत्र दिवस वि० वि० परिसर में ध्वाजारोहण के उपरान्त भारत माता राष्ट्र पिता महात्मागांधी एवं भारतीय संविधान के जनक डॉ० भीमराव बाबा साहेब अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर अक्षत पुष्प अर्पित किया गया। प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है। यह एक स्वतंत्र देश होने का संकेत है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के नागरिको की आशाएं और आकाक्षाए दर्शाता है यह हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। सर्वप्रथम वक्तव्य की श्रृंखला में संस्था के महामान्य कुलाधिपति, डॉ० अजय कुमार तिवारी जी ने कहा कि हम भारत को माता के रूप में मानते है। हमारे प्रत्येक कार्य में धर्म का समावेश होना चाहिए। क्योंकि धर्म का समावेश होने से कार्य पवित्र हो जाता है अपनी बात को कार्य के रूप में लेना चाहिए। संस्था के समस्त परिवार को राम मंदिर में श्री राम जी की “प्राण प्रतिष्ठा’ की शुभकामनाएं भी प्रेषित की । आज हम अपने हमारे राष्ट्र भारत के 75वें गणतंत्र दिवस को मना रहे है। यह दिवस हमारे लिए विशेष स्थान रखता है। क्योंकि यह हमारे सम्प्रभु और लोकतांत्रिक गणराज्य के जन्म दिवस का प्रतीक है। यह दिन हमारे पूर्वजों के बलिदान एवं हमारे संविधान के आदर्शो की याद दिलाता है। वक्तव्य की श्रृंखला में संस्थापक कुलपति, डॉ० अनिल कुमार तिवारी जी ने कहा कि विचार घर से डाले जाते है और फिर वे धीरे-धीरे पल्लवित होते रहते है। हमे मातृभूमि के प्रति श्रृद्धा का भाव रखना चाहिए। भाव और प्रेम हमें कार्य की प्रेरणा देते है। पूरी प्रकृति साथ हो ऐसा कार्य करना चाहिए केवल कह देने से विचार अच्छे नहीं होते करके दिखाना पड़ता है। संस्कार वही है जो आदत में आ जाए। वक्तव्य की श्रृंखला में संस्थापक कुलपति, डॉ० अनिल कुमार तिवारी जी की सुपुत्री सौम्या जी ने कहा कि हमे केवल अतीत को ही नहीं देखना है बल्कि भविष्य को भी निखारना है। उनके इस तरह के उद्बोधन से वि०वि० के विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन हुआ। वक्तव्य की श्रृंखला में फॉर्मेसी के डायरेक्टर मा० श्री आदित्या प्रखर तिवारी जी ने बताया कि हमारा संविधान जबसे लागू हुआ तब से अब तक उसमे क्या-क्या संशोधन हुए जिससे देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है और प्रगति के पथ पर आगे है और भविष्य में आगे बढ़ता ही रहे इस कामना के साथ उन्होंने आज के दिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का आभार ज्ञापन संस्था की कुलपति डॉ० सुनीता जैन जी द्वारा दिया गया। आज के इस कार्यक्रम में सस्था के अधिष्ठाता डॉ० बी० व्ही० तिवारी जी, डॉ० शैलेन्द्र पाटिल जी, श्री एस०डी० श्रीवास्तव, डॉ० सुनीता दीक्षित जी, डॉ० आशीष यादत जी. डॉ० सुकदेव वाजपेयी जी. डॉ० अभिषेक तिवारी जी. डॉ० आर०के० सिंह,  विद्ययोत्तमा  नेहा जैन जी, कु० मोनिका शुक्ला जी, कु० राधा मांझी, रि० केप्टेन पी०के० दत्ता, श्री गोविन्द राजपूत, श्री शरद मसीह, एन०सी०सी० केडिटस एवं अन्य विद्यार्थियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिती देकर कार्यक्रम को सफल बनाया। मंच संचालन श्रीमती अंतिमा शर्मा जी एवं श्री अभिषेक जैन जी द्वारा किया गया। काल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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