रीवा कमिश्नर और सीधी कलेक्टर पर 25 हजार की कास्ट : सीधी निवासी पर की गई थी जिलाबदर की एकतरफा कार्रवाही, हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना
जबलपुर। जिलाबदर को लेकर एक तरफा कार्रवाई करने के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रीवा संभाग आयुक्त और सीधी कलेक्टर पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि अगली बार जब इस तरह की कार्रवाई करें तो पहले अच्छे से गुण-दोष जांच ले, उसके बाद ही सजा दी जाए। दर्शल सीधी निवासी शिवसेना के नगर अध्यक्ष विवेक पांडे के खिलाफ सीधी कलेक्टर और रीवा कमिश्नर ने जिला बदर की कार्यवाही की थी, जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
याचिकाकर्ता विवेक पांडे ने हाईकोर्ट को बताया कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 18 सितंबर को सीधी कलेक्टर ने उनके खिलाफ जिलाबदर का आदेश पारित किया था। इसके खिलाफ उन्होंने कमिश्नर रीवा के समक्ष अपील की थी। पर कमिश्नर ने भी राजनीतिक दबाव के कारण उनकी अपील निरस्त कर दी। जिला बदर की कार्यवाही उनके खिलाफ छह आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के आधार पर की गई थी। उसके विरुद्ध अंतिम अपराध वर्ष 2020 में दर्ज हुआ था। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में महज लिखित लाइनों के आधार पर इस तरह का आदेश पारित करने की गलती ना करें। उन्होंने कहा कि इस तरह का रवैया कानून की दृष्टि से गलत है। लिहाजा रीवा कमिश्नर और सीधी कलेक्टर से जुर्माना की राशि लेकर याचिकाकर्ता को दी जाए। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार इस राशि को वसूलने के लिए स्वतंत्र है।