MP: जब मछली खाते समय गले में कांटा फस गया, डॉक्टर को इंडोस्कोपिक करनी पड़ी

इंडोस्कोपिक पद्धति से मरीज को बिना बेहोश किये ओ पी डी में ही गले में फसा कांटा निकलते ही मरीज को राहत मिली
सागर। दरअसल 34 वर्षीय मरीज कमलेश गले मे भयंकर तकलीफ के साथ जिला अस्पताल दमोह पहुँचा। उनकी मुख्य समस्या कि मछली खाते वक़्त कांटा भी निगल लिया था। जिला अस्पताल के नाक कान गला रोग विशेषज्ञ एवं आरएमओ डॉं विशाल शुक्ला ने इंडोस्कोपिक पद्धति से मरीज को सरफेस अनेस्थेसिया में बिना बेहोश किये ओ पी डी में ही कांटा निकाल दिया। गले की हड्डी फिशबोन निकलते ही मरीज के चेहरे पर अमोल मुस्कुराहट आ गई।

मरीज कहते हैं इतनी बड़ी तकलीफ को सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये उपकरणों के माध्यम से डाँ साहब ने आसानी से ठीक कर दिया। सरकार और डॉं साहब को बहुत धन्यवाद।

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