नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड 

नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड 

सागर । नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म़ करने वाले अभियुक्त अंकलेष सौर को भादवि की धारा- 506 भाग-2 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं पॉक्सों एक्ट की धारा- 5एल/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने दिनांक 10.08.2022 को पुलिस थाना मोतीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि माह अप्रैल में गेहॅू काटने के लिये अपनी मॉ के साथ खेत गई थी वहीं पर अकेली बैठी थी तब अभियुक्त अंकलेष सौर आया और उसका हाथ पकड़कर जबरन उसे खेत में ले गया और उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया । घटना के बारे में किसी को बताने पर उसके माता-पिता को जान से खत्म करने की धमकी देता था जिस डर से पीड़िता ने किसी को नहीं बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा धारा-376(2),376(2)(एन),506 भा.दं.सं. तथा धारा-3/4, 5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

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