होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी

लाडली बहना में नहीं हुआ चयन ,तो दुखी महिला ने आत्महत्या की कोशिश की 

लाडली बहना में नहीं हुआ चयन ,तो दुखी महिला ने आत्महत्या की कोशिश की  छतरपुर। लाड़ली बहना योजना में चयन नहीं होने ...

विज्ञापन

Published on:

| खबर का असर

लाडली बहना में नहीं हुआ चयन ,तो दुखी महिला ने आत्महत्या की कोशिश की 

छतरपुर। लाड़ली बहना योजना में चयन नहीं होने से दुखी एक महिला ने नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया है। मामला छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र का है। महिला के पति का कहना है कि योजना में शामिल नहीं होने के कारण वह परेशान थी। इसी वजह से उसने जान देने की कोशिश की।

RNVLive

महिला का नाम चंदा रैकवार (45) है। उसके पति हरिलाल रैकवार ने बताया कि पत्नी लाड़ली बहना योजना का फॉर्म भरने गई थी। पंचायत में सरपंच ने कहा- साइट नहीं खुलने के कारण फॉर्म अपलोड नहीं हो रहा है। हरिलाल ने कहा कि सरकार सबको पैसा दे रही है और हमारा नहीं आया, तो हमें दुख हुआ। हमारे घर में न खेती है, न कोई धंधा है। घर में नमक, तेल, राशन, खाने-पीने के लाले पड़े हैं। 1-1 पैसे को लेकर मोहताज हैं।

6 बेटियां; पति शराब पीने का आदी है चंदा रैकवार का आरोप है कि उसका पति शराब पीता है। कोई काम नहीं करता। थोड़ा-बहुत पैसा कमाता है तो शराब में उड़ा देता है। घर में 6 बेटियां हैं, परिवार का खर्च मुझे ही चलाना होता है। मैं स्कूल में खाना बनाकर 2000 रुपए कमा पाती हूं। इतने में गुजारा नहीं होता, लाड़ली बहना योजना का 1000-1200 रुपया और मिलने लगता, तो घर चलाने में थोड़ी आसानी हो जाती।

RNVLive

सरपंच बोले- मामले की जानकारी नहीं

मामले में जब भास्कर रिपोर्टर ने बमीठा ग्राम पंचायत के सरपंच सनत कुमार जैन से बात की, तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। गांव और पंचायत में बहुत सी महिलाएं हैं। हम इस बारे में पता करते हैं।

सास-बहू का फार्म एक्सेप्ट नहीं हो पाया

चंदा की बहू रश्मि रैकवार का कहना है कि हम दोनों सास-बहू ने लाड़ली बहना योजना का फॉर्म भरा था। किसी कारण से हमारा फॉर्म एक्सेप्ट नहीं हो पाया। बाकी सभी महिलाओं को रुपए मिल रहे हैं। इसी टेंशन के चलते सास ने घर में रखीं नींद की गोलियां खा लीं।

Total Visitors

6187871