राघवेंद्र सिंह लोधी की हुई पांच साल बाद BJP में वापसी, मुख्यमंत्री के समक्ष ली पार्टी की सदस्यता

राघवेंद्र सिंह लोधी की हुई पांच साल बाद BJP में वापसी, मुख्यमंत्री के समक्ष ली पार्टी की सदस्यता

दमोह। 2018 में दमोह की जबेरा विधानसभा से भाजपा का टिकिट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले भाजपा नेता राघवेंद्र सिंह लोधी की सोमवार को भाजपा में वापसी हो गई। भले ही वह चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें काफी वोट हासिल हुए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के क्षत्रिय संगठन महामंत्री अजय जमवाल, केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के समक्ष राघवेंद्र सिंह लोधी का पार्टी नेताओं ने अंग वस्त्र पहनकर स्वागत किया। वहीं, सीएम ने सोशल मीडिया पर लिखकर इस बात की पुष्टि की ओर कहा कि वह राघवेंद्र सिंह लोधी का स्वागत करते हैं उनके आने से भाजपा के विजय रथ को गति मिलेगी। टिकिट के माने जा रहे दावेदार

काफी दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थी कि चुनाव के पहले राघवेंद्र सिंह ऋषि भईया की भाजपा में वापसी हो जायेगी, क्योंकि 2018 में वह जबेरा विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़े थे और करीब 21000 हजार वोट उन्हें मिले थे, लेकिन इसके बाद भी बीजेपी प्रत्याशी धर्मेंद्र सिंह की जीत हुई थी, हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रताप सिंह महज तीन हजार वोटों से ही चुनाव हारे थे। जबेरा विधानसभा लोधी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी हैं, वर्तमान विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी हैं वहीं, राघवेंद्र ऋषि भी लोधी समाज से ही हैं और उनका काफी प्रभाव है और इस बार वह भाजपा के टिकिट के प्रबल दावेदार भी माने जा रहे हैं। कांग्रेस की ली थी सदस्यता

2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो राघवेंद्र सिंह ने भी पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। लेकिन जब कुछ दिन बाद बीजेपी की सरकार बनी और पूर्व मंत्री कुसमारिया वापस भाजपा में आ गए, लेकिन राघवेंद्र की वापसी नहीं हुई। हालांकि वह कांग्रेस के मंच पर भी कम ही दिखे। पंचायत चुनाव में जब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी का पर्चा निरस्त हो गया। तब राघवेंद्र की मां जो जिला पंचायत सदस्य हैं उन्हें सिद्धार्थ मलैया ने टीएसएम की और से निर्दलीय लड़ाया गया, हालांकि वह चुनाव हार गए और कांग्रेस प्रत्याशी रंजीता गौरव पटेल चुनाव जीत गईं।

40 लाख देने का वीडियो हुआ था वायरल

जिला पंचायत चुनाव खत्म होने के कुछ दिन बाद एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें भाजपा के लोधी समाज के तमाम बड़े नेता राघवेंद्र सिंह के साथ बैठे दिखाई दिए और यह बात कर रहे थे कि अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के लिए जिला सदस्यों को 40-40 लाख रुपए राघवेंद्र सिंह के द्वारा दिए गए और एक जिला पंचायत सदस्य जिस पर दो जगह से इतनी ही रकम लेने की बात करते हुए उससे 40 लाख रुपए वापस मांगे जा रहे थे। जिसके लिए पंचायत जोड़ी गई थी, लेकिन जिला पंचायत सदस्य का कहना था की सब अपना-अपना हित देख रहे थे हम अकेले थोड़ी थे और वोट भी दिया था।

इस तरह से राघवेंद्र सिंह पूरे पांच साल चर्चाओं में बने रहे। जबेरा के वर्तमान विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी की स्थिति इस बार ठीक नहीं है और यदि राघवेंद्र की भाजपा में वापसी नहीं होती तो भाजपा को परेशानी हो सकती थी। इसलिए समीकरण ठीक करने के चलते राघवेंद्र सिंह की भाजपा में वापसी हो गई और अब उनका टिकिट मिलना भी तय माना जा सकता है।

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