देवरी में होगा घमासान, ब्रजबिहारी पटेरिया और हर्ष यादव आमने सामने
सागर। भारतीय जनता पार्टी ने अब तक जारी प्रत्याशियों की दो सूचियों में सागर जिले की कांग्रेस विधायक बाली बंडा और देवरी से प्रत्याशी घोषित करते हुए देवरी कलां से फिर पुराने प्रतिद्वंदियों को सामने ला दिया है। दोनों प्रत्याशी पहली बार चुनावी मोर्चे पर आमने-सामने जरूर है। लेकिन कट्टर प्रतिद्वंदी 20 साल पुराने है। कांग्रेस ने अब तक उम्मीदवार घोषित तो नहीं किया है।
पूर्व मंत्री हर्ष यादव ही देवरी कांग्रेस के प्रत्याशी रहेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 कांग्रेस ने तत्कालीन विधायक बृजबिहारी पटैरिया को टिकिट काटकर धुर विरोधी हर्ष यादव को उम्मीदवार घोषित किया था। तब टिकिट कटने के आक्रोश में पटैरिया समर्थकों ने हर्ष यादव पर प्राणघातक हमला कर दिया था। राजनैतिक गठजोड़ में देवरी के ही पूर्व विधायक सुनील जैन टार्च लेकर निर्दलीय मैदान में आ गए थे। इस सब घटनाक्रम के कारण भाजपा के रतन सिंह लोधी ने जीत दर्ज की थी।
अगले चुनाव यानि 2008 में कांग्रेस ने बृजबिहारी पटैरिया को ही फिर टिकिट दिया, जिन्हें भाजपा के भानू राणा ने शिकस्त दी। कांग्रेस के जयचंदों की मदद से भाजपा ने 2003 और 2008 के दोनों चुनाव में जीत दर्ज की। लगातार दो चुनाव जीतने से भाजपा में दावेदारों की संख्या बढ़ी तो भाजपा के असंतुष्ट नेताओं के भीतरघात का फायदा 2013 और 2018 के दोनों चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष यादव को व्यापक रूप से मिला। यानि पहले के दो चुनाव कांग्रेसियों ने कांग्रेस को हरवाएं और बाद दो चुनाव भाजपाईयों ने भाजपा को हरवाए।
जाहिर है कि पूर्व मंत्री हर्ष यादव और पूर्व विधायक बृज बिहारी पटैरिया पहली बार चुनावी दंगल में अवश्य आमने-सामने है। लेकिन दोनों में 20 साल पुरानी टसल जगजाहिर है। पिछले साल ही बृजबिहारी पटैरिया भाजपा हाईकमान के वायदे पर कांग्रेस छोडक़र कमल दल में शामिल हुए। इनके भतीजे पहले ही जनपद पंचायत के माध्यम से जमीन तैयार करने में लगे है।
देवरी क्षेत्र के मतदाताओं ने दोनों प्रत्याशियों को नजदीक से जाना है। बृजबिहारी पटैरिया 1998 से 2003 तक 5 साल और कांग्रेस उम्मीदवार 2013 से अब तक विधायक है। इसलिए मतदाताओं को दोनों प्रत्याशियों की तुलना करके अपना विधायक चुनने में आसानी होगी। भाजपा में करीब 20 दावेदार थे तो भीतरघात रोक पाना बहुत मुश्किल होगा।
दोनों का चौथा रहेगा चुनाव
देवरी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित बृजबिहारी पटैरिया का यह चौथा चुनाव रहेगा। इसके पूर्व में 1998 और 2008 में देवरी से तथा 2013 में रहली से पं. गोपाल भार्गव के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है। इसी तरह कांग्रेस के हर्ष यादव का भी यहां चौथा चुनाव है। वे 2003, 2013 और 2018 में चुनाव लड़े। उन्होंने दो चुनाव जीते और बृजबिहारी पटैरिया ने दो चुनाव (देवरी, रहली) हारे।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर रिटर्न
भाजपा हाईकमान ने विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल को उतार कर चौंका दिया है। बुंदेलखण्ड की राजनीति में भी अब बड़ा परिवर्तन ये फैसला ला सकता है।
भाजपा ने वर्ष 2014 में प्रहलाद पटेल को दमोह लाकर प्रत्याशी बनाया था। फिर वे केंद्रीय मंत्री बनकर यहां के कद्दावर नेता बन गए। अब भाजपा ने उन्हें विधानसभा भेजने का फैसला किया है तो यही माना जा रहा है कि उन्हें प्रदेश सरकार आई तो शिखर का पद मिल सकता है। नरसिंहपुर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का गृह क्षेत्र है। उनके भाई अभी नरसिंहपुर से मौजदूा विधायक है। दूसरा दमोह लोकसभा क्षेत्र से अब कौन प्रत्याशी होगा। इस बात से लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी है।