पर्चा तो बहाना है, पूरे भारत को हनुमान जी का बनाना हैः बागेश्वर सरकार
निंदा तो उसी की होती है जो जिंदा होता है, सफल होता है- बागेश्वर सरकार
सागर। दुनिया में एक ही शक्ति बाला जी हनुमान के रूप में कलियुग में संकटमोचन के लिए विराजमान है। साधु संतों को जो पाखंडी और मंदिरों को शक्तिहीन कहने वालों और हली उल्लाह कहने वालों को हम ललकार कर कहते हैं कि सनातन धर्म में बागेश्वर की शक्तियों का सामना करने में तुम्हें नानी याद आ जाएगी। सत्य सनातन इतना पावर फुल है कि दुनिया का कोई मजहब सनातन के सूर्य की किरणों के तेज का सामना नहीं कर सकता। यह ओजपूर्ण वक्तव्य बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री ने खुरई में एक दिवसीय दिव्य दरबार के प्रारंभ में उमड़े लाखों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए दिया है। दिव्य दरबार में बागेश्वर सरकार ने लगभग 30 अर्जियां स्वीकार कीं और उनसे संबंधितों को मंच पर दरबार में बुलाकर समस्या का उपाय बताया।
बागेश्वर सरकार ने दूसरे दिवस की श्री हनुमंत कथा के पूर्व दोपहर 12 बजे से ढाई बजे तक दिव्य दरबार लगाया। मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह ने कथा पंडाल में बागेश्वर सरकार की आरती व स्वागत किया। धूप दीप नैवैद्य से व्यासपीठ के शास्त्र और मंच पर विराजे बाला जी सरकार का पूजन करने के पश्चात उन्होंने खुरई को आज पुनः अन्नपूर्णा नगरी का संबोधन देते हुए अपने आत्मीय “खुरई के पागलो“ बुला कर अपना संबोधन आरंभ किया। महाराज जी ने “साधो जी- सीताराम“ सन्यासघ बाबा और श्री प्रेतराज की जय के साथ आज जन्माष्टमी के पर्व पर “ हाथी घोड़ा पालकी – जय कन्हैया लाल की“ के जयकारे भी लगवाए। उन्होंने कहा कि पर्चों और मूर्तियों से समस्याओं का समाधान नहीं होता बल्कि भगवान का चरित्र जीवन में अंतरतम में उतार लेने से समस्या का समाधान होता है। जीवन में चमत्कार तभी होगा जब स्वयं को बाला जी के चरणों में समर्पित कर दो।बागेश्वर सरकार ने कहा है कि तुम सब इसलिए परेशान रहते हो क्योंकि समाधान के लिए कई विकल्पों, दरवाजों पर दस्तक देते हो। उन्होंने कहा कि आप सभी हमारे दरबार में धक्के खाने नहीं आएं। मैं इसलिए नहीं बुलाता कि मुझे तालियों, जयकारों की आवश्यकता है बल्कि मैं तो आप सभी के भीतर बैठे हनुमान को जगाने आया हूं। जीवन में कुछ पाना है, कौतुहल, क्रांति चमत्कार लाना है जीवन में तो तुम स्वयं को बागेश्वरधाम जाकर हनुमान जी के चरणों में समर्पित करके कहना कि आज से तुम हमारे और हम तुम्हारे हो गये। उन्होंने कहा कि हमारा पर्चा तो बहाना है, पूरे भारत को हनुमान जी का बनाना है। अब भारत में बजरंग बली की ही चलेगी।
बागेश्वर पीठाधीश्वर ने कहा कि भारत के पढ़े लिखे लोग हमारे दरबार पर हंसते थे, लेकिन अब तो हमने अंग्रेजों की भी ठठरी बार दी। अब यदि तुम सब मिलकर मेरा साथ दो हम इसे हिंदू राष्ट्र बना देंगे। उन्होंने सभी से कहा कि यदि सभी प्याज लहसुन मांसाहार त्याग कर मंत्र जाप का नियम प्रारंभ करें तो घर बैठे अर्जी सुन ली जाती है।
दिव्य दरबार में बागेश्वर सरकार के समक्ष अवसर पाने वाले लगभग 30 अर्जियों में ज्यादातर खुरई और ग्रामीण इलाकों से थीं। दतिया डबरा, बीना, सिलवानी, जरुआखेड़ा, सागर के श्रद्धालुओं को भी अवसर मिला। बिसराहा ग्राम के एक बुजुर्ग और उनके परिवार के भक्तिभाव और सरलता से बागेश्वर सरकार इतने प्रभावित हुए कि उनको अपनी ओर से उपहार की सामग्री देकर उनके गांव का विवरण पूछा और बिसराहा आने की इच्छा जताई। धनौरा के दीवान खलक सिंह के परिवार के युवक को बुला कर समस्या का समाधान किया और सनातन यात्रा निकालने, हिंदू राष्ट्र के लिए काम करने का निर्देश उन्हें दिया। खुरई क्षेत्र के कठेली, सिमरिया, सेमराहाट ग्रामों के श्रद्धालुओं को भी मौका मिला। सभी की समस्याएं पहले ही बागेश्वर सरकार ने लिख रखी थी और सुनने के बाद पर्चा पढ़वाया और वही विवरण पर्चों में लिखा हुआ निकला। सभी को समुचित उपाय समाधान बागेश्वर सरकार ने बताया। बच्चों और कुछ बहिनों से प्रतीक चिन्ह आदि स्वीकार किए। प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोगों का भी अपनी शैली में उपचार किया।
बागेश्वर सरकार के सानिंध्य में कथास्थल पर मनाया ठाकुर जी का जन्मोत्सव
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री ने यहां श्री हनुमंत कथा के द्वितीय दिवस जन्माष्टमी पर श्री ठाकुर जी कन्हैया जी का जन्मोत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी धर्म का मर्म जानने वाले हैं और उनका धर्म साक्षात प्रभुश्री राम हैं।
व्यासपीठ का पूजन कर सभी देवताओं, गुरुओं का स्मरण कर कथा प्रारंभ करते हुए बागेश्वर सरकार ने कहा कि कितना अच्छा सौभाग्य है कि हम वर्ष 2023 के भाद्रपद मास में अष्टमी के पुण्य मुहूर्त पर द्वापर युग के धरती भू के भार का हरण करने वाले बंसी बजैया भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्मदिवस को मना रहे हैं। हम और आप इस शुभ मुहूर्त पर भगवान की कथा गा रहे हैं, सुना रहे हैं, सुन रहे हैं। हमारे पूर्वज स्वयं को आज धन्य मान रहे होंगे कि उनका कोई वंशज यहां भगवान की कथा में बैठा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ही हमने बड़े पुण्यों से मानव तन पाया है। इंसान रूप में जन्म तो मिला लेकिन इंसान हो गया बेईमान, उसका हरिभजन में सिर दुखता है। लेकिन किसी की निन्दा करना हो तो तत्पर रहता है।
बागेश्वर सरकार ने बताया कि निंदा सुनकर कोई महान नहीं बनता, निंदा में मौन रह कर महान होता है। और निंदा तो उसी की होती है जो जिंदा होता है, सफल होता है। राह चलते हाथी को देखते हो, कुत्ते भौंकते हैं वो भी पीछे से। उन्होंने कहा कि इंसानियत जिंदा रखिए। दुखियों की सेवा करिए, और प्रभु की भक्ति को हृदय में रखिए। उन्होंने कहा कि सेवक वही जो अपने स्वामी के गुणों की प्रशंसा करे, पुत्र वही जो पिता की प्रशंसा करे और शिष्य वही अच्छा जो गुरुदेव की महिमा के गुण गाए।
उन्होंने कहा कि परमात्मा को सबकी खबर है,बेखबर की भी उसे खबर है। हम तो काया कुटिया में किराए से रह रहे हैं, परमात्मा ही सबकी डोर पकड़े हुए है। तुलसीदास जी कहते हैं कि सबही नचावत नाच गुसाईं, बंधी कीट मरकट की नाईं। बागेशवर महाराज ने कहा कि हमें भगवान की कथा सुनने और परमात्मा को बारंबार धन्यवाद देने की आदत होनी चाहिए। लेकिन आदमी तो हर काम फायदे के लिए करने का सोच रखने लगा है। उन्होंने कहा कि जीवन में सुबह शाम हरिनाम गाने की आदत होना चाहिए। हनुमान जी यही तो बताते हैं कि प्रभु नाम लेने से क्या क्या साध्य होता है।
ये रहे उपस्थित
कथा के द्वितीय दिवस प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह, जिला पंचायत सागर की पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज सिंह, सागर महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती संध्या भार्गव, मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह, नवीन भट्ट, खुरई नपा अध्यक्ष श्रीमती नन्हीं बाई अहिरवार, एसडीएम रवीश श्रीवास्तव सहित समस्त प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी, नपा सीएमओ दुर्गेश सिंह सहित लाखों की संख्या में जनता ने कथा श्रवण किया।