डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने शुरू की न्याय यात्रा, इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर CM आवास के सामने करेगी आमरण अनशन

डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने शुरू की न्याय यात्रा, इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर CM आवास के सामने करेगी आमरण अनशन

भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित लवकुशनगर की एसडीएम रही निशा बांगरे ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बांगरे ने बुधवार को आमला में मां दुर्गा के मंदिर में पूजा अर्चना की और अधिकारियों की सद्बुद्धि की प्रार्थना के साथ अपनी न्याय यात्रा की शुरूआत की। बांगरे पैदल 9 अक्टूबर को न्याय यात्रा के साथ सीएम आवास पहुंचेगी। 9 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने सरकार से बांगरे के इस्तीफे को लेकर जांच खत्म कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। न्याय यात्रा पर निकलने से पहले निशा बांगरे ने कहा कि तीन महीने से मैं न्याय के लिए भटक रही हूं। मेरे इस्तीफे को अलग-अलग कारण बता कर टाला जा रहा है। कोर्ट में गलत पैरवी की जा रही है। मेरे द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हमारे मामा को पत्र भी लिखा, लेकिन उन्होंने साढ़े तीन महीने में मेरा पत्र नहीं देखा। इसलिए मामाजी को बताने जा रही है कि किस तरह उनके अधिकारी उनकी भांजी को प्रताड़ित कर रहे हैं। मजबूरी में अपने तीन साल के बेटे और परिवार को छोड़कर मुझे सड़क पर उतरना पड़ रहा है।

प्रशासन में बैठे एजेंट इस्तीफा दें ज्वाइन करे BJP

निशा बांगरे ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब भाजपा को जबलपुर में डॉक्टर को टिकट देना होता है तो एक दिन में सभी जगह से अनुमति लेकर इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण है। मैं साढ़े तीन महीने से इस्तीफा का आवेदन दिया है, लेकिन अलग-अलग कारण बता कर उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इससे साफ है कि इस सरकार की मंशा अनुसूचित जाति की महिला को न्याय देने की नहीं है।

सीएम आवास के बाहर आमरण अनशन की चेतावनी

निशा बांगरे की न्याय यात्रा 12 दिन में 335 किमी की दूरी तय कर 9 अक्टूबर को भोपाल पहुंचेगी। बांगरे ने कहा कि 9 अक्टूबर तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास के बाहर आमरण अनशन पर बैठूंगी। बांगरे ने बताया कि आमला में उनके मामा क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर रहे है। इस दौरान आमला में अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए लगातार हवन किया जाएगा।

आमला से चुनाव लड़ने का कर चुकी है एलान

निशा बांगरे ने कुछ दिन पहले बैतूल कलेक्टर कार्यालय में इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने घर के उद्घाटन अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना एवं भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से प्रशासन द्वारा रोके जाने से आहत होकर 22 जून को अपना इस्तीफा दे दिया था। बांगरे ने आरोप लगाया कि उनको कार्यक्रम में रोकने से लेकर बैक डेट में नोटिस जारी किए गए। इस्तीफा स्वीकार नहीं करने के विरोध में बांगरे ने हाईकोर्ट चली गई। इस बीच बांगरे ने वीडियो जारी कर अमला से चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया। हालांकि किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी यह अभी स्पष्ट नहीं हैं।

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