सागर। 15 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में बीना न्यायालय ने आरोपी को 20 साल की कारावास सहित अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में मुख्य बात यह है कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान परिजनों के बयान बदलने के बाद भी न्यायालय ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर सजा सुनाई है।
शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक श्याम सुंदर गुप्ता ने बताया कि बीना थाना क्षेत्र के एक गांव से 6 जुलाई 2021 को एक 15 वर्षीय लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की। मामले की जांच करते हुए उप निरीक्षक प्रतिमा मिश्रा ने किशोरी के दस्तयाब कर पूछताछ की। इसमें सामने आया कि 21 वर्षीय एक युवक लड़की को बहला-फुसलाकर शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था इस दौरान आरोपी ने लड़की के साथ विवाह कर उसका यौन उत्पीड़न किया।
मामले की विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) निर्मल मंडोरिया की न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। करीब दो साल चली सुनवाई के दौरान पीड़ित के माता-पिता ने अपने बयान बदल दिए। अभियोजक ने न्यायालय में महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ पीड़ित की डीएनए रिपोर्ट प्रस्तुत की। तर्कों, साक्ष्यों और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को 20 साल की कारावास और 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।