पटवारी परीक्षा में नही है कोई गड़बड़ी , कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप है निराधार ; मंत्री नरोत्तम मिश्रा

MP: पटवारी परीक्षा में नही है कोई गड़बड़ी , कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप है निराधार ; मंत्री नरोत्तम मिश्रा

 

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में पटवारी चयन परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। कांग्रेस और उसके नेता प्रदेश को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। पार्टी के ही अशोकनगर का प्रवक्ता, जो परीक्षा में फेल हो गया, उसके तथ्यहीन आधारों को तर्क बनाकर प्रस्तुत कर रहे हैं। पर्चियों पर नौकरी देने वाले उस विश्व की आधुनिकतम चयन परीक्षा प्रणाली पर प्रश्न उठा रहे हैं और श्रंखलाबद्ध झूठ बोल रहे हैं।

यह बात राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार करते हुए मीडिया से चर्चा में कही।

उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी के माध्यम से पटवारी चयन परीक्षा कराई गई, वह आइआइटी, नीट सहित अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाएं कराती है। कांग्रेस कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अरुण यादव सहित अन्य कांग्रेस के नेता नौजवानों के मनोबल को तोड़ रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि पटवारी चयन परीक्षा में प्रावीण्य सूची में स्थान पाए जिन सात अभ्यर्थियों को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं, उन्होंने अलग-अलग पाली में परीक्षा दी है। प्रत्येक उत्तर की रिकार्डिंग होती है। कमल नाथ जी, जुबानी जमा खर्च मत कीजिए। लिखित में मांगिए, सभी प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा। उन्होंने हिंदी में हस्ताक्षर किए जाने पर उठाए प्रश्न को लेकर कहा कि यह शर्मनाक है।

उन्‍होंने कहा कि जिस प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होती हो, वहां हस्ताक्षर हिंदी में नहीं तो क्या इटालियन में अभ्यर्थी करेंगे। हिंदी में हस्ताक्षर करने वालों में से एक भी परीक्षार्थी के 25 में से 25 नंबर नहीं आए। आरोप लगाने से पहले परीक्षार्थियों की अंकसूची देख लेते तो यह झूठ नहीं बोलना पड़ता।

कमल नाथ सरकार ने एक को भी नौकरी दी हो तो बताएं

उन्होंने कहा कि कमल नाथ सरकार डेढ़ साल रही पर एक भी नौजवान को नौकरी दी हो तो बताएं। उन्होंने तो रोलगार के नाम पर ढोर चराने और बैंड बजाने को लिखित में कहा था। जिस सेंटर को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं, वहां के 114 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। ऐसे 31 सेंटर और हैं, जिसमें इससे अधिक लोग उत्तीर्ण हुए। पता नहीं कांग्रेस के नेताओं को ग्वालियर से क्या दुश्मनी है।

उन्‍होंने कहा कि ग्वालियर में पांच, भोपाल में 42 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। 15 माह की कांग्रेस सरकार में भी ग्वालियर के प्रति दुराग्रह सबने देखा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख नौकरियां दे दी हैं। कांग्रेसियों की प्रसव वेदना यही है कि वे एक भी नौकरी नहीं दे पाए। कमल नाथ सरकार में एक भी बेरोजगार को न तो रोजगार मिला और न ही बेरोजगारी भत्ता। पीड़ित युवा सब देख रहा है और एक-एक चीज का हिसाब लेगा।

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