नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपीगण को 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपीगण को 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वालेे आरोपीगण को माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये अभियुक्त हल्लू उर्फ दुर्जन अहिरवार को भा.द.स. की धारा 354 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास व पांच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा- 354-डी के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा- 354-ए के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-9 (जी) सहपठित धारा 10 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं अभियुक्त प्रकाष अहिरवार को भा.द.स. की धारा- 354-डी के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा- 354-ए के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-9 (जी) सहपठित धारा 10 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्डसे दण्डित किया गया। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्रीमती रिपा जैन ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने दिनांक 12.10.2020 को थाना केन्टोन्मेंट में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 11.10.2020 को करीब 3ः00 बजे जब वह मंदिर गई थी तो वहॉ अभियुक्तगण हल्लू अहिरवार एवं प्रकाष अहिरवार मिले व उसे देखकर गंदे-गंदे इषारे करने लगे और अभियुक्त हल्लू अहिरवार ने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़कर साथ चलने के लिये कहने लगा, पीड़िता द्वारा उक्त संबंध में उसके माता-पिता से कहने पर अभियुक्त हल्लू ने बालिका को उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी दी, फिर बालिका ने घर आने के बाद माता-पिता को घटना के बारे में बताया। उक्त अवेदन के आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध अंतर्गत धारा 354, 354(घ),34, 506 भादस एवं धारा 7/8, 11/12 पॉक्सो एक्ट 2012 एवं धारा 3(1)()ए 3(2)(अ.) अनु.जा./जजा. (अत्या. निवा.) अधिनियम 1989 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना मंे लिया गया। विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत माननीय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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