MP: जैन संतो ने बयान जारी कर कहा है कि जैन तीर्थों पर अतिक्रमण किया जा रहा है उनको लूटा जा रहा हैं, क्या हमने इस सरकार को इसीलिए चुना था कि हमारे तीर्थों का विध्वंस किया जाए, पहले अपने शिखरजी पर आंच उठी थी अब हमारे गोम्मटगिरि पर आंच उठी है ऐसे में क्या कोई तीर्थ क्षेत्र ही नहीं बचेगा हमारा ? ये सरकार हमारा साथ नहीं देगी तो हम लोग भी सरकार का साथ नहीं देगे
बता दें कि इंदौर से 10 किलोमीटर दूर स्थित जैन तीर्थ गोम्मटगिरि हैं जहां जैन समाज और गुर्जरों के बीच जमीन को लेकर विवाद है। इस मुद्दे पर जैन समाज प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोशित है, जैन संतों का कहना है कि अपनी बात मनवाने के लिए राजनीतिक ताकत जरूरी है। ऐसे में ये समाज विधानसभा चुनाव में बड़ी चुनौती बनकर उतरेगा। जैन समाज प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा ये जैन बाहुल्य सीटें प्रदेश के 38 जिलों में हैं। जैन संत पुलक सागर जी महाराज ने सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि गोम्मटगिरि से कब्जा नहीं हटा, तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हाल ही में भगवान बाहुबली दिगंबर जैन ट्रस्ट के अध्यक्ष ने भी इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इसमें समाज ने चेतावनी दी कि अपने हक के लिए सरकार से टकराने में भी पीछे नहीं हटेंगे। सरकार के रवैये से नाराज संत सुधा सागर जी, संत पुलक सागर जी, संत प्रणाम सागर जी और देश के तमाम जैन संतों ने वीडियो जारी कर चेतावनी दी है।
गौरतलब हैं प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा जैन हैं। समाज प्रदेश की 106 सीटों पर अच्छी खासी पकड़ रखती है
जैन समाज का चुनावी प्लान
प्रदेश के करीब 38 जिलों की जैन बाहुल्य 100 से ज्यादा सीटें चयनित की गई। इन सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में जीत हार का अंतर 100 वोट से लेकर 36 हजार तक होता है। सभी सीटों पर इतनी ही आबादी के जैन वोटर भाजपा-कांग्रेस के नेताओं का समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
दिगंबर जैन समाज ने कहा है कि गोम्मटगिरि को अतिक्रमणकारियों से बचाने के लिए साल 2015 से संघर्ष कर रहे हैं, हाईकोर्ट ने भी हमारे पक्ष में आदेश जारी किए। इसके बावजूद प्रशासन अतिक्रमणकारियों का साथ दे रहा है। बड़े जैन संतों की अगुवाई में इंदौर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसमें देशभर के जैन समुदाय के अनुयायी हिस्सा लेने की खबर है!