वेदना में मरीज़ को ज़िंदा रखकर उसके दर्द का इलाज़ नही करना सबसे बड़ा अपराध
नेता,अफसर, जज आदि को सरकारी इलाज व वही दवा अनिवार्य हो- डॉ जैन
सागर। इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ पेन की स्थापना दिवस 9 जुलाई को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में समस्त एनेस्थीसिया विभाग और आईएमए सागर द्वारा मनाया गया।
इस अवसर पर वक्ता प्रो डॉ सर्वेश जैन ने लंबे समय से दर्द के मरीजों को नजरंदाज करने के भारतीय समाज के रवैया पर चिंता जाहिर की
बीएमसी में पैन क्लिनिक जहां हर प्रकार के घुटना,कमर औऱ गर्दन दर्द ,कैंसर दर्द इत्यादि का इलाज होता है, जिसमें तकलीफ वाली जगह पर ही सुई लगाई जाती है ,
लेकिन मरीज में और समाज में अवेयरनेस की कमी होने की वजह से मरीज इस सुविधा का लाभ नहीं लेते है।
उन्होंने बताया कि बिना इलाज किया हुआ दर्द ब्लड प्रेशर,डिप्रेशन ,शुगर अनिद्रा और ग्रहकलेश की वजह बनता है।
डॉ जैन ने बताया की देश में कई सारे मरीज ऐसी टर्मिनल बीमारियों से ग्रस्त होते है लेकिन कोई इलाज न होने की वजह से अथाह दर्द और वेदना बर्दाश्त करते रहते है, विदेशों में हॉस्पाइज केयर करके एक विचारधारा होती है जिसमे ऐसे मरीजों के इलाज के बजाए लाइफ की क्वालिटी इंप्रूव करने पर ध्यान दिए जाता है, कई बार मरीज चेतना खोने के पहले लिख कर देता है की मुझे कृत्रिम तरीकों से जिंदा न रखा जाए, अतः इच्छा मृत्यु को रेगुलेट करने के कानून बनने की भी जरूरत है।
भारतीय सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा पर डॉक्टर जैन के अनुसार सारे नेता ,मंत्री ,अफसर,जज,सरकारी डॉक्टर इत्यादि का सारा इलाज सरकारी अस्पताल में होने पर और उनको सरकारी दवा खिलाने के कानून बनने पर ही स्थिति में सुधार संभव है।
वो सारे लोग जो सरकार से वेतन लेते है वो इस कानून के दायरे में आएं, अंत में आईएमए सचिव डॉ मनोज साहू ने आभार माना।