ब्रह्माकुमारी संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग शिविर का आयोजन

 

सागर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेन्द्र भीतर बाजार सागर में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने बताया कि योग भारत का प्राचीन योग है यह हमारी भारतीय संस्कृति है जिससे हमारा तन स्वस्थ रहता है इसलिए हमें योग के साथ मन को स्वस्थ करने के लिए राजयोग को करना भी जरूरी है जब तक मन तंदुरुस्त नही होगा तब तक तन को भी हम स्वस्थ नही रख सकते इसलिए अपनी दिनचर्या में हमें सुबह सुबह मन को शांत कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए राजयोग को शामिल करें।

 

ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने योग अभ्यास कराते हुए बताया , कि राजयोग सभी योगों का राजा है। राजयोग करने से हमारे जीवन में कार्य करने में कुशलता आती है एवं विचारों का शुद्धिकरण होता है। विचारों की शुद्धिकरण के लिए पहले विचारों, संकल्पों पर ध्यान देना होगा। अब ध्यान करते वक्त हमारी सोच बहुत चलती है, लेकिन हमें क्या सोचना हैं? मैं क्यों सोच रहा हूं’ ? फिर कुछ देर के लिए सोच रुक जाती है। सिर्फ श्वास पर ही ध्यान देते हैं और उसी समय संकल्प करें – मैं स्वस्थ आत्मा हुँ मैं सकारात्मक हुँ अंतत: ध्यान का अर्थ हैं – ध्यान देना। हर उस बात पर जो हमारे जीवन से जुड़ी हैं।

 

निरोगी काया के लिए राजयोग वरदान

भौतिक सुखों की इमारत तो निरोगी काया रूपी नींव पर खड़ी होती है। कहा जाता हैं, कि सत्य धर्म की साधना के लिए स्वस्थ शरीर ही प्रथम साधन है स्वस्थ शब्द में ही स्वस्थ व्यक्ति की परिभाषा समाई हुई है स्व+स्थ का अर्थ है जो अपने आत्मस्वरूप में सदा स्थित रहता है। मानव जीवन शरीर और आत्मा का मेल ही तो है शरीर आवरण है और आत्मा चेतन हैं। अपने को चेतन आत्मा समझते हुए शरीर रूपी आवरण को ओढ़े हुए भी इससे अपने को न्यारा महसूस करना यही है आत्मस्थित होना अर्थात स्वस्थ होना।स्वस्थ रहने के लिए स्व स्थिति का होना बहुत आवश्यक है विचारों का, भोजन का और कर्मों का इस पर गहरा प्रभाव पड़ता है।रोग नाश के लिए केवल दवा ही काफी नहीं,नकारात्मक विचार, बुरी संगत से बचना जरूरी हैं। दवा के साथ-साथ आचरण और आदतों को भी श्रेष्ठ बनाने की आवश्यकता है । स्वस्थ व्यक्ति का आहार शरीर के लिए हितकारी है जिसकी जीवनचर्या प्रकृति के अनुकूल होनी चाहिए। जैसे विचारों का प्रभाव मन पड़ता है वैसे ही भोजन का प्रभाव तन पड़ता है भोजन शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसी प्रकार मन को भी रोज़ स्वस्थ रखना आज की आवश्यकता है वर्तमान में डिप्रेशन,तनाव, चिंता,लड़ाई झगड़ों,हिंसा, आतंकवाद का मुख्य कारण मन का नकारात्मक होना है।समाज का एक सुंदर स्वस्थ स्वरूप देखने के लिए हमे मन को ऊर्जावान और सकारात्मक करना है तो राजयोग एक ऐसी विधि है जो हमारे मन को विपरीत परिस्थितियों में भी स्थिर रखती है जिससे मनोबल बढ़ता है और हम किसी भी दिशा में सफलता पा सकते है।

साथ ही ओम की ध्वनि का उच्चारण कराया एवं मेडिटेशन कराकर आत्म-अनुभूति कराई।

 

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