मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने पर 10-10 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रूपये अर्थदण्ड

सागर । मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपीगण भोले कोरी एवं देवेंन्द्र यादव को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 8 सहपठित धारा-20(इ)(पप)(ब) के तहत 10-10 वर्ष कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है । मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 19.03.2019 को थाना प्रभारी सुरखी को मादक पदार्थ गांजा के परिवहन की सूचना मुखबिर से प्राप्त हुई इसके पष्चात स्वतंत्र साक्षियों को मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया। उसके पश्चात सर्च वारण्ट प्राप्त करने में समय लगने की संभावना को देखते हुए सर्च वारण्ट प्राप्त न होने का पंचनामा बनाकर हमराह स्टाफ स्वतंत्र साक्षी सहित विवेचना किट एवं शासकीय वाहन से केसली से बिलहरा होकर टिकी टौरिया हनुमान मंदिर के सामने रोड पर पहुंचकर स्टॉपर लगाकर नाकाबंदी की गई। कुछ समय पश्चात केसली तरफ से रोड पर एक लालरंग की हीरो एचएफ डीलक्स मोटरसाइकिल के एमपी 15 एनए 5350 आई जिसे रोककर पूछताछ किया गया जिसमें मोटरसाइकिल चालक ने अपना नाम देवेंद्र यादव बल्द होतीलाल यादव उम्र 27 साल निवासी नारायणपुर चौकी टड़ा थाना केसली एवं मोटरसाइकिल के पीछे बैठे व्यक्ति जो पीले रंग की बोरी में मादक पदार्थ गांजे जैसा कुछ रखे था उसने अपना नाम भोले बल्द रामप्रसाद कोरी उम्र 52 वर्ष निवासी टड़ा थाना केसली होना बताया। संदेहियों की वैधानिक कार्यवाही उपरांत लिखित सहमति देने पर उनकी तलाशी लेने पर संदेहियों के पास से मोटरसाइकिल की सीट पर रखी हल्के पीले रंग की प्लास्टिक की बोरी को खोलकर चैक किया गया जिसमे 5 बड़े.बड़े पैकेट अखबार में लिपटे हुए नीले रंग की प्लास्टिक की थैली में भरकर उपर से खाकी रंग के टेप से चिपका हुआ जिसमें हरे मठमैले रंग का पत्तीदार मादक पदार्थ गांजा होना पाया गया। मादक पदार्थ को मसलकर सूंघकर एवं जलाकर देखा गया जो मादक पदार्थ गांजा जैसी तीव्र गंध आना पाया गया। जो कुल 23 किलो 200 ग्राम कीमती 3,48,000 रूपये पाया गया। अभियुक्त का कृत्य 8/20 एन.डी.पी.एस एक्ट के तहत पाये जाने से उसे गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सुरखी सागर में धारा-8 /20 एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेष किया।विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985)जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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