इन्दौर : शहर के नागरिकों और किसानों के करीब तीन करोड़ रुपये हड़प कर बीते बीस साल से फरार चल रहे इंदौर के एक व्यापारी को पुलिस ने दिल्ली के शहादरा क्षेत्र से गरिफ्तार कर लिया है। आरोपित पंकज पाटनी निवासी जावरा कंपाउंड इंदौर ने इसी तरह इंदौर व देवास जिले के कन्नौद में भी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी।
पुलिस के मुताबिक वहां भी उसके खिलाफ चेक बाउंस के मामले दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि आरोपित पंकज पाटनी वर्ष 2001 में न्यू काटन कंपनी चलाता था।
इसके माध्यम से कपास खरीदी के लिए शहर के बीस लोगों से 2.64 करोड़ रुपये उधार लिए थे। इसके बदले में उन्हें चेक दिए गए थे, लेकिन बैंक में जमा कराने पर वे बाउंस हो गए थे।
इसी तरह जिले के कई किसानों से कपास खरीद कर भी उन्हें चेक दिए थे। ऐसे करीब 22.50 लाख रुपये के चेक बाउंस हुए थे। पीड़ितों की शिकायत पर कोतवाली थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया था। साथ ही चेक बाउंस के मामले में न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
उसकी गिरफ्तारी के लिए शुरुआत में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा था। इसके बाद से इस केस की फाइल को बंद कर रख दिया गया था।
एसपी की पहल पर हुई गिरफ्तारी
पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने गत दिनों पुराने पेंडिंग प्रकरणों और न्यायालय से जारी स्थाई वारंटों की तामीली के लिए विशेष अभियान शुरू कराया था। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए थे। जिसके बाद बहुचर्चित पंकज पाटनी मामले में कोतवाली थाना प्रभारी सीताराम सोलंकी, उप निरीक्षक रामेश्वर बकोरिया, आरक्षक प्रशांत राउत आदि की एक टीम गठित की गई थी।
इस टीम ने साइबर सेल की मदद से पता लगाया तो पाटनी की लोकेशन दिल्ली में मिली। टीम ने दिल्ली पहुंच कर स्थानीय पुलिस की मदद से उसे दबोच लिया।