सागर । गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी षिवाकांत जाट को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 20(इ)(पप)(ब्) के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना जीआरपी सागर में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक राधा मोहन को दिनांक 30.01.2022 को समय लगभग 14ः54 बजे मुखबिर सूचना प्राप्त हुआ कि प्लेटफार्म नंबर 2 के ताज इंटरप्राइजेज रेल आहार स्टाॅल के पास फुट ओव्हर ब्रिज के नीचे रेल्वे स्टेषन सागर में एक व्यक्ति जो देखने में हट्टा-कट्टा गोरे रंग का उम्र करीब 24-25 साल पीले रंग की छिपकेदार चादर में बोरे में मादक पदार्थ गांजा रखे है और किसी के इंतजार में है। उक्त सूचना को थाना प्रभारी को अवगत कराकर आरक्षक रघुराजसिंह को दो स्वतंत्र साक्षियों को तलब किए जाने हेतु रवाना किया। आरक्षक स्वतंत्र साक्षियों सहित थाना वापस आया, साक्षियों की मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया। उसके पष्चात पुलिस अधीक्षक रेल जबलपुर को मुखबिर सूचना का प्रतिवेदन मय मुखबिर पंचनामा सहित आरक्षक पंकज रजक को थाना से रवाना किया गया। जप्तीकर्ता अधिकारी ने मामले की गंभीरता देखते हुए सर्च वारण्ट प्राप्त न कर सकने का पंचनामा साक्षियों के समक्ष बनाया एवं थाना से रवानगी सान्हा में दर्ज कर हमराह फोर्स सहायक उपनिरीक्षक मूलचंद्र, प्रधान आरक्षक कैलाष रघुवंषी, आरक्षक रघुराज सिंह, आरक्षक शोएब अब्बासी, नवाबसिंह पटवा, आरक्षक श्यामलाल कुषवाहा मय कम्प्यूटर आपरेटर आरक्षक ओमप्रकाष बघेल एवं स्वतंत्र साक्षीगण राजेंद्र एवं संतोष सहित मय विवेचना किट, लेपटॅाप, प्रिंटर, विवेचना बाॅक्स, इलेक्टाॅनिक तराजू मय तोल करने वाले विनीत खटीक को साथ लेकर मौके के लिए रवाना हुए। मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर पहंुचने पर वह व्यक्ति पुलिस को देखकर जाने लगा, घेराबंदी कर पकड़ा उससे उसका नाम पता पूंछा जिसने अपना नाम षिवाकांत जाट जबलपुर का रहना बताया। संदेही की तलाषी ली गई, तलाषी की आवष्यक कार्यवाही उपरांत संदेही के पास से 28 नग पैकेट प्राप्त हुये जिनको खोलकर देखने पर उसमें गीला गांजा पदार्थ रखा होना पाया गया आरोपी के पास से 28 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा जप्त किया गया। मौके पर तौल कार्यवाही, अन्य विधिक कार्यवाही के उपरांत गीले गांजे को शीलबंद कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया, थाना वापस आकर जप्तषुदा मादक पदार्थ को मालखाना में जमाकर आरोपी के विरूद्ध थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई, मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेष किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहाॅ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।