पल्सर बाइक से गाँजे की तस्करी करने वाले इन तस्करों को ढाई साल की कैद

दो पहिया वाहन से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपियों को 2 वर्ष 6 माह का कठोर कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड

सागर। दो पहिया वाहन से गांजे की तस्करी करने वाले दोनों आरोपीगण केदार मिश्रा एवं मनीष वैद्य को न्यायालय विषेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, न्यायाधीश अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 20(इ)(पप) (ठ) के तहत 2 वर्ष 6 माह के कठोर कारावास एवं पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना गोपालगंज के उप-निरीक्षक को दिनॉक 21.02.2019 को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि राजघाट तरफ से दो व्यक्ति बिना नंबर की मोटर साइकिल बजाज पल्सर से गांजा सप्लाई करने आ रहे है मुखबिर की सूचना के बताये स्थान पर हमराह फोर्स को रवाना किया गया । मौके पर पहुंचकर राजघाट से सागर तरफ आने वाली गाड़ियों को हमराह बल की मदद से चैक किया गया उसी समय मोटर साइकिल से दो व्यक्ति राजघाट तरफ से आते हुये दिखाई दिये जिन्हें पकड़ा गया। मोटर साइकिल पर दोनों व्यक्ति बीच में एक सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी रखे हुये थे दोनों व्यक्तियों से नाम पता पूछे जाने पर अपना नाम केदार मिश्रा एवं मनीष बैद्य दोनों निवासी-गौरझामर बताया । आरोपीगण की तलाशी के दौरान उनके अधिपत्य की प्लास्टिक की सफेद बोरी को खोलकर चैक किया तो उसमे हरे मठमैले रंग का पत्तीदार मादक पदार्थ पाया गया जिसे रगड़कर सूंघकर चैक करने पर गांजा होना पाया गया, प्लास्टिक की बोरी में रखे मादक पदार्थ की तौल करने पर मादक पदार्थ 11 किलो 200 ग्राम गांजा होना पाया गया जिसकी कीमत 66 हजार रूपये अनुमानित पाई गई। अभियुक्तगण का कृत्य 8/20 एन.डी.पी.एस एक्ट के तहत पाये जाने से उनको गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गोपालगंज में धारा-8 सहपठित धारा-20(बी)(पप)(ठ) एन.डी.पी.एस. एक्ट 1985 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985)जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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