जैसीनगर कलश यात्रा में सैकड़ो श्रद्धालु हुये शामिल,क्षेत्रवासियों ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत जैसीनगर में बागेश्वर धाम सरकार की कथा आज से
कथा में सभी धर्म प्रेमी बंधुओं का जैसीनगर में स्वागत है- गोविंद सिंह राजपूत
सागर। जैसीनगर में शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ आस्था के महाकुंभ का आगाज हो गया। कलश यात्रा में सैकड़ो श्रद्धालु शामिल हुये। दोपहर 3.00 बजे से यह कलश यात्रा ज्ञानोदय कालेज से प्रारंभ हुई क्षेत्रवासियों ने कलश यात्रा का पुष्प वर्षा करके जगह-जगह स्वागत किया सभी महिलायें पीली साड़़ी पहनकर इस कलश यात्रा में सामिल हुई। पुरूष केसरिया पगड़ी बांधकर श्रीराम का जय घोष करते हुए नाचते झूमते सभा स्थल तक पहुंचे। एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जनसैलाब से जैसीनगर भक्तिमय हो गया। कलश यात्रा में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की धर्मपत्नि श्रीमति सविता सिंह राजपूत तथा राजपूत परिवार के सभी सदस्य कलश यात्रा में क्षेत्रवासियों के साथ सभा स्थल तक पहुंचे। शनिवार से यहां बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्री हनुमंत कथा करेंगे। एक दिन का दिव्य दरबार भी लगेगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में देशभर से लाखों भक्त आएंगे, लिहाजा तैयारियां भी बड़े पैमाने पर की गई हैं। इस अवसर पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जैसीनगर क्षेत्रवासियों एवं सभी धर्मप्रेमी बंधुओं, माताओ-बहनों को धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि सभी क्षेत्रवासी तथा धर्मप्रेमी बंधुओं का कथा में स्वागत है अधिक से अधिक संख्या में कथा सुनने के लिए पधारे एवं पुण्य लाभ अर्जित करें।
उन्होंने आयोजन समिति के सदस्यों के साथ कथा स्थल की तैयारियां देखीं। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं, जो बजरंगबली की कृृपा से इतना बड़ा आयोजन होने जा रहा है। बागेश्वर सरकार और देशभर से आने वाले भक्तों के स्वागत के लिए जैसीनगर तैयार है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार सुबह जैसीनगर पहुंचेंगे। उनके स्वागत की भव्य तैयारियां की गई हैं। वे दोपहर से श्री हनुमंत कथा करेंगे। पूरा नगर भगवा रंग में रंग गया है। विशेष तैयारियां की गई हैं। दूर दूर से सेवादार भी पहुंचने लगे हैं। इनके ठहरने, भोजन आदि के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। भीड़ के नियंत्रण के लिए व्यवस्था चाककृचौबंद की गई हैं। जैसीनगर के साथ सागर जिले के अलग अलग थानों से पुलिस बल तैनात किया गया है। कार्यक्रम के लिए स्थानीय स्तर पर 36 समितियां गठित की गई हैं, जिनमें 5 हजार कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। महाप्रसादी 300 कारीगर तैयार करेंगे। कथा स्थल पर 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की जाएगी।