MP: बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में इंदौर के विशेष न्यायालय ने पांच आरोपियों को 5-5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और आरोपियो के ऊपर 12-16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
दरअसल मामला 2013 की पीएमटी परीक्षा का है, इसमें भिंड के रहने वाले रवींद्र कुमार ने परीक्षा का फॉर्म भरा था लेकिन, उसकी जगह पर ग्वालियर के विक्रांत कुमार ने परीक्षा दी थी उसने ये परीक्षा पास भी कर ली इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब रवींद्र कुमार एमजीएम मेडिकल कालेज इंदौर में प्रवेश की औपचारिकता पूरी करने गया वहां फोटो मिलान के दौरान प्रबंधन को शंका हुई तो जांच हुई और फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
यह फर्जीबाड़ा सामने आते ही तत्कालीन डीन ने तुरंत इस मामले की सूचना पुलिस को दी उनकी सूचना पर पुलिस ने रवींद्र कुमार और विक्रांत कुमार के अलावा इस फर्जीवाडे़ में शामिल रामचित्र जाटव, राकेश खन्ना और ब्रजेश पर केस दर्ज कर लिया. हालांकि बाद में ये मामला CBI को सौंप दिया गया।
विशेष न्यायालय में सीबीआई की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने 52 गवाहों के बयान करवाए. उसके बाद कोर्ट ने फॉर्म भरने वाले, परीक्षा में शामिल होने वाले आरोपियों के अलावा उन तीन आरोपियों को भी सजा सुनाई, जिन्होंने फर्जीवाड़े में भूमिका निभाई थी फैसला प्रथम एएसजे संजय कुमार गुप्ता की कोर्ट ने सुनाया. कोर्ट ने रवींद्र कुमार, रामचित्र जाटव, राकेश खन्ना, विक्रांत कुमार और ब्रजेश को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने रवींद्र कुमार और विक्रांत कुमार को 120-बी, 419, 420, 467, 468, 471, 201, और एमपीरिया 3/4 की धाराओं में दोषी पाया. जबकि, रामचित्र जाटव, राकेश खन्ना और ब्रजेश को 120-बी, 420, 467, 468, 471 और 201 के तहत दोषी पाते हुए जुर्माना भी लगाया. जबकि दो आरोपी नरेंद्र चौरसिया और अजय यादव को बरी कर दिया।