MP: मध्यप्रदेश के जबलपुर रेल मंडल की 12 टन रेलवे पटरी चोरी की जांच दो माह बाद भी ठंडे बस्ते में नजर आ रही हैं, दो माह पहले के शहपुरा भिटौनी में 12 टन रेल पटरी ले उड़े थे चोर आरपीएफ ने इस मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के दो अधिकारी, एक आरपीएफ का एसआइ शामिल है,
रेलवे ठेकेदार, ट्रक डाइवर और फैक्ट्री के मैनेजर को भी आरोपित बनाया गया, लेकिन यह सातों फिलहाल जमानत पर बरी हैं। इनसे पूछताछ की कार्रवाई पूरी कर ली गई है, लेकिन इस मामले में बनाए गए लगभग 45 गवाह में से अभी लगभग 35 लोगों से आरपीएफ ने पूछताछ की है। अभी भी करीब 10 लाेगों से पूछताछ चल रही है। सूत्रों की माने तो इसमें लगभग 10 से 15 दिन का समय लग सकता है। इसके बाद आरपीएफ कोर्ट में चार्टसीट दायर की जाएगी।
भिटौनी रेलवे स्टेशन के पास चोरी हुई लगभग 12 टन पटरियों में से 11 टन पटरियों को आरपीएफ ने जब्त कर लिया है। इसमें से कुछ पटरियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले ट्रक और कबाड़ी से जब्त की और कुछ पटरियों को भोपाल के मंडीदीप की एक फैक्ट्री से जब्त की गई। हालांकि पटरियों को जब्त करने आरपीएफ की टीम जब तक मंडीदीप पहुंची, तब तक एक टन पटरियाें को भट्टी में डालकर पिघला दिया गया था। इधर जांच में अब तक यह बात सामने नहीं आई है कि इतनी बड़ी मात्रा में रेलवे की पटरियां जबलपुर से भोपाल के मंडीदीप कैसे पहुंच गई। इससे पहले और कितनी पटरियां यहां पहुंचाई गईं।
भिटौनी में जिस रेलवे ट्रैक की पुरानी पटरियों को निकालकर जो पटरियां लगाई गईं, वो भी पुरानी निकली थीं। इस मामले की जांच कर रहीं पश्चिम मध्य रेलवे की विजलेंस टीम ने चुप्पी साध ली है।