MP: सूचना के अधिकार कानून (RTI).के तहत जानकारी मांगने वालों या उससे संबंधित प्रकरण के मामलों में भी मोटी रकम की उगाही होने लगी है।
नीमच जिले के उमर गांव के रहने वाले मोहम्मद हारून ने क्षेत्र की ग्राम पंचायत में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया था। जिसमें अपने भू-स्वामित्त्व संबंधी दस्तावेजों की सत्यापित प्रतिलिपि मांगी गई थी। जानकारी अपूर्ण मिली तो जनपद पंचायत जावड़ में अपील की। वहां से भी आवेदक को बैरंग ही लौटना पड़ा।
मामला राज्य सूचना आयोग कार्यालय के अकाउंट ऑफिस से जुड़ा हैं। यहां पदस्थ बृजेश कुशवाह नाम के कर्मचारी को लोकायुक्त पुलिस ने 20 हजार रुपये रिश्वत लेते ट्रैप किया। लोकायुक्त विभाग के मुताबिक रिश्वत की डिमांड एक अपील प्रकरण पर जल्द कार्यवाही के एवज में की गई थी। परेशान मोहम्मद हारून ने इस मामले की उसी दिन लोकायुक्त एसपी मनु व्यास से शिकायत कर दी। विभाग द्वारा रिश्वत की शिकायत का सत्यापन कराया गया। उसके बाद बतौर पहली किश्त 5 हजार रुपये का सौदा हुआ। तयशुदा बात के बाद रुपये लेने बृजेश बोर्ड ऑफिस चौराहे पहुंच गया। वहां योजना बनाकर लोकायुक्त की टीम भी मौजूद थी। जैसे ही पीड़ित से आरोपी ने 5 हजार रुपये लिए, तो टीम ने उसे दबोंच लिया। फिलैन्थीन पाउडर लगे नोट लेने के बाद पकड़े गए आरोपी के जब हाथ धुलाए गए तो वह हाफने लगा। लोकायुक्त विभाग ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
थक हारकर आवेदन हारून ने अपने आवेदन को लेकर राज्य सूचना आयोग भोपाल कार्यालय पहुंचा। 24 मई को कार्यालय के अकाउंट सेक्शन में उसकी मुलाकात वहां पदस्थ कर्मचारी बृजेश कुशवाह से हुई। वह पीड़ित के अपील संबंधी प्रकरण में जल्द कार्यवाही के एवज में रिश्वत की डिमांड करने लगा। थोड़ी बहुत नहीं पूरे 20 हजार रुपये मांगे।