किसानों का प्रदर्शन, ओलावृष्टि से हुई फसल चौपट, सर्वे के बाद भी उचित मुआवजा नही
बीना। किसानों की ओलावृष्टि एवं बारिश से हुई फसल नष्ट एवं सर्वे कराने के बाद भी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला। इससे गुस्साए किसानों ने तहसील परिसर पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर के नाम नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई को ज्ञापन सौंपा।
ओलावृष्टि एवं बारिश से बीना विधानसभा क्षेत्र के लेहटवास, बिलाखना, बेरखेड़ी माफी, रूसल्ला, हड़कल जैन के गांव में लगी गेहूं, चना व मसूर की फसल नष्ट हुई थी। जिसका सर्वे टीम बनाकर किया गया था जो कि सर्वे अनुसार किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है। सर्वे अनुसार यह जानकारी है कि नुकसान हुआ है, उसके बाद भी मुआजवा कुछ किसानों को दिया जा रहा है। सर्वे सभी का किया गया है जो कि सर्वे अनुसार चारों ओर लगे खेतों की मुआवाजा राशि मिल गई। बीच के खेत की मुआवजा राशि नहीं दी गई है। जिसमें सभी किसानों के बैंक खाते लिए गए थे। इसके अलावा टीम ने भी माना है कि नुकशान 100 प्रतिशत हुआ है।
किसान नेता इंदर सिंह ने बताया कि अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसल का पूरी टीम के साथ तथा हल्का पटवारियों द्वारा सर्वे किया गया था। उक्त सर्वे अधिकारियों की टीम के द्वारा किया गया था उसमें बीच वाले खेत को छोड़कर किया गया है। जिससे कि बीच वाले किसानों का मुआवजा सूची में नाम दर्ज नहीं है। तथा मिलने वाले आजवा की सूची ग्राम पंचायत में चस्पा भी नहीं की गई है। जिस वजह से कुछ किसानों को मुआवजा दिया गया है।
कुछ किसानों को छोड़ दिया गया है जो न्याय संगत नहीं है। मुआवजा राशि प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपए है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री के द्वारा बीना विधानसभा क्षेत्र में किसानों के खेत पर जाकर की थी, लेकिन उस हिसाब से किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है। किसानों को गुमराह किया गया है।
किसानों ने बताया कि नुकसान तो सभी किसानों का हुआ है। मुआवजा दिया गया है, लेकिन मुआवजा उचित नहीं दिया है जो घोषणा की गई वह मुआवजा किसानों को नहीं दिया है। जिन किसानों की फसल नष्ट हुई है। उन किसानों के नाम सर्वे सूची में नहीं है।