हिन्दी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ
सागर। डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संचार एवं पत्रकारिता विभाग में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं छात्र छात्राओं ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस की महत्ता एवं प्रासंगिकता के बारे में अपने विचार साझा किए।
विभागाध्यक्ष डॉ ललित मोहन ने इस पर बताया कि हिन्दी पत्रकारिता के राष्ट्रीय इतिहास के साथ क्षेत्रीय इतिहास के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सागर से बलदेव प्रसाद “प्रकाश” नामक अखबार प्रकाशित करते थे जो सुंदर प्रेस चकराघाट से निकलता था। मध्यप्रदेश की हिन्दी पत्रकारिता में सागर का भी उल्लेखनीय योगदान है. उन्होंने सभी विद्यार्थीयों से बोलने के साथ साथ पत्र व्यवहार, हस्ताक्षर आदि हिन्दी में करने की सलाह के साथ हिन्दी भाषा को अपनाने का आग्रह किया ।
विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अलीम अहमद खान ने हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि अगले 3 साल में यह 200 वर्ष की हो जाएगी. इसका विकास और इतिहास और व्यापक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि कलकत्ता शहर से उदन्त मार्तंड अखबार की शुरुआत हुई क्योंकि उस समय यह व्यावसायिक शहर हुआ करता था और ब्रिटिश शासन का केंद्र होने के साथ लोग यहाँ काम करने आते थे। इसके बाद बनारस और इलाहबाद जैसे हिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी पत्रकारिता ने अपना वृहद स्वरूप लिया। हिंदी पत्रकारिता का विकास बताते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है, इसमें पत्रकारिता करने के अवसर अन्य भाषाओं के बजाए अधिक है। उन्होंने कहा कि हमारी मातृभाषा हिन्दी है, हम हिन्दी राज्य से हैं, इस बात पर हमें गर्व होना चाहिए।
विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ विवेक कुमार जायसवाल ने इस अवसर पर हिन्दी पत्रकारिता के उद्भव के बारे में तथ्यात्मक जानकारी दी और स्वतंत्रता पूर्व एवं बाद की हिन्दी पत्रकारिता का विवरण दिया। उन्होंने संवाद कौमुदी, दिग्दर्शन से लेकर सरस्वती, हंस जैसी हिन्दी पत्रिकाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जब हम आमजन से पत्रकारिता या पत्रकार के नाम पूछते है तो ज्यादातर हिन्दी भाषी पत्रकार के नाम ही याद आते हैं, यह बात वर्तमान समय में हिन्दी पत्रकारिता की लोकप्रियता का सूचक है। विभाग के आदित्य, मोहिनी, धरमदास, आकाश सहित कई विद्यार्थियों ने अपने विचार साझा करते हुए हिन्दी पत्रकारिता की वर्तमान परिस्थिति और अपेक्षाओं के बारे में विचार साझा किए और स्वयं भी अन्य भाषाओं के मुकाबले हिन्दी को बेहतर रूप से अपने संवाद, लेखनी में शामिल करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का संचालन विभाग की शोध छात्रा सलोनी शर्मा द्वारा किया गया एवं आभार शोध छात्रा अनुष्का तिवारी ने दिया।