जब अदालत ने शिकायतकर्ता महिला पर लगाया जुर्माना

दिल्ली। पति व उसके स्वजन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने और बाद में समझौता होने के वैवाहिक विवादों के मामलों पर अंकुश लगाने की जरूरत, अदालत ने कहा कि यह देखा गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा वैवाहिक मामलों की जांच के दौरान आइपीसी की धारा-376 के तहत आरोप लगाया जा रहा है। यहां तक कि पति व उसके परिवार के सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। शिकायतकर्ता के इन कृत्यों पर अंकुश लगाने की जरूरत है, ताकि वैवाहिक मुकदमे के मामले में वह भविष्य में पति व उसके परिवार के सदस्यों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने से पहले विचार करे।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने शिकायतकर्ता महिला पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि वैवाहिक मुकदमे की जांच के दौरान पति व उसके स्वजन पर दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगाना पूरे परिवार को बदनाम करता है।

अदालत ने उक्त टिप्पणी एक महिला द्वारा अपने पति व उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं के तहत हुई प्राथमिकी को रद करते हुए की। साथ ही महिला पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उक्त धनराशि रोहिणी जिला न्यायालय बार एसोसिएशन के पास जमा कराने का निर्देश दिया।

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