“प्रत्यक्ष संवाद” से समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है– प्रो. राजपूत

केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में संकाय स्तर पर “संवाद” श्रंखला का शुभारंभ
“प्रत्यक्ष संवाद” से समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है– प्रो दिवाकर सिंह राजपूत
सागर/ डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश के मानविकी एवं समाज विज्ञान अध्ययन शाला के अधिष्ठाता में “संवाद” श्रंखला की पहली पारी का शुभारंभ संकायाध्यक्ष प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने किया। प्रो राजपूत ने अधिष्ठाता के रूप में सबसे पहले सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक ली और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। विस्तृत रूप में आज संकाय के सभी शिक्षकों के साथ “संवाद” का शुभारंभ किया। प्रो राजपूत ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि सीधे संवाद से समस्याओं का समाधान आसान हो जाता है और सभी के रचनात्मक विचारों को पर्याप्त सम्मान मिलता है।
संवाद के माध्यम से मानविकी एवं समाज विज्ञान अध्ययन शाला के शिक्षकों ने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी अधिष्ठाता ने सभी शिक्षकों से इस तरह के मंच पर सीधे तौर पर विचार साझा करने का अवसर बनाया है। सभी शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के अकादमिक उन्नयन और उत्कृष्टता के लिए सार्थक सुझाव दिये। प्रो राजपूत ने कहा कि संवाद की यह श्रंखला निरंतर जारी रहेगी।
कार्यक्रम में डाॅ केशव टेकाम, डाॅ नेहा निरंजन, डाॅ ज्ञानेश तिवारी, डाॅ शिवशंकर जेना, डाॅ दीपक मोदी, डाॅ रणवीर सिंह, डाॅ वीरेन्द्र मटसानिया, डाॅ मशकूर, डाॅ देवकीनन्दन, डाॅ ऊषा राणा, डाॅ प्रीति बेगड़े, डाॅ नन्दी पटोदिया, डाॅ अफरीन, डाॅ परोचे, डाॅ बौद्ध, डाॅ देवलिया, डाॅ आर पी सिंह आदि ने अपने विचार रखे। डाॅ ज्ञानेश तिवारी ने आभार व्यक्त किया।

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