बीएमसी की महिला प्रोफेसर ने डीन व एक महिला डॉक्टर पर लगाए अभद्रता और प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप
एसपी के यहां शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही
सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की बायोकेमिस्ट्री विभाग में पदस्थ महिला प्रोफेसर डॉक्टर रविंद्रर कौर अरोरा ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरएस वर्मा और डॉ अंजू झा पर षड्यंत्र कर प्रताड़ित और अभद्रता करने के गंभीर आरोप लगाए है।
महिला प्रोफेसर ने रविवार को मीडिया के सामने आकर घटनाक्रम की जानकारी दी
महिला प्रोफेसर डॉक्टर रविंद्रर कौर अरोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती निकली थी, जिसमें मुझे चयन समिति में रखा गया था जिसमें एक फीमेल कैंडिडेट की पोस्ट रिजर्व थी जिसका बाकायदा अखबारों में विज्ञापन छपा था और उसमें साफ साफ लिखा था कि फीमेल उम्मीदवार ही आवेदन करें पर षड़यंत्र करने एक मेल कैंडिडेट डॉक्टर पीयूष जैन ने भी अप्लाई किया था, जिसको मैंने अपात्र घोषित कर दिया था। उसके बाद मुझे डीन डॉ. आर एस वर्मा डॉ अंजू झा ने बुलाया और कहां कि आपने जिसे अपात्र किया है उसे पात्र कर दीजिए तो मैंने कहा कि यह नियम विरुद्ध है और मैं नहीं कर सकती, इसके बाद उन्होंने काफी दबाव डाला और मैं उनके दबाव में नहीं आई इसके बाद उन्होंने मुझे मानसिक व गालीगलौज भद्दी भद्दी भाषा का उपयोग करके प्रताड़ित किया अश्लील भाषा का प्रयोग कर अभद्रता की और नौकरी से निकाले जाने की धमकी दी उसके बाद मैंने पुलिस अधीक्षक के यहां भी कंप्लेंट की, थाने में जब पूछताछ के लिए बुलाया तो मैंने बताया कि मुझे नौकरी से निकाले जाने की धमकी दे रही है गालीगलौज कर जान से मारने की भी बात सामने आई हैं। मैं अपनी बेटी के साथ सागर में अकेली रहती हूं कहीं यह लोग मुझे कुछ कर ना दे शिकायत के बाद आज 1 माह हो गया लेकिन कोई पुलिस की ओर से कार्यवाही नहीं की गई, और मैं अब टूट चुकी हूं मानसिक रूप से तनाव में हूं, साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मुझे न्याय नहीं मिलता तो मैं आगे लड़ाई न्यायालय के सहारे लडूंगी।
आपको बता दें कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से इस तरह का यह पहला मामला सामने नहीं आया अनेक भर्ती घोटालो की चर्चा सरेआम सुर्खियों में रहती आई हैं।इसके पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। जिससे मेडिकल कॉलेज की छवि काफी धूमिल होती रही है। अब देखना होगा इस मामले में प्रशासन क्या कार्यवाही करता है।
इनका कहना हैं।
मेडिकल कॉलेज के डीन आरएस वर्मा से जब मीडिया ने फोन परबात की तो उन्होंने साफ साफ कुछ बता नही पाया और कहा कि में बाद में बात करता हूँ आप से यह मामला कलेक्टर साहब के संज्ञान में भी हैं और विभाग गलत नही हैं।