ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण कड़ी हैं जन स्वास्थ्य रक्षक- मंत्री भूपेंद्र सिंह

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण कड़ी हैं जन स्वास्थ्य रक्षक- मंत्री भूपेंद्र सिंह
जन स्वास्थ्य रक्षकों का वार्षिक अधिवेशन
सागर।जनस्वास्थ्य रक्षक ग्रामीण स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जिनके महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों और नर्सों की कमी के चलते स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सीमा तक जन स्वास्थ्य रक्षक की भूमिका सदैव बनी रहेगी। यह बात नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मकरोनिया में जन स्वास्थ्य रक्षक कल्याण संगठन की सागर जिला इकाई के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए कही।
मंत्री श्री सिंह ने जिले भर से आए जन स्वास्थ्य रक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की आवश्यकताओं को देखते हुए जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में जन स्वास्थ्य रक्षकों की भूमिका को स्वीकार करना ही होगा। प्रदूषण और खानपान के असंतुलन से नित नई बीमारियों का प्रकोप सामने आ जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सारे अस्पताल भर गये थे और कोरोना का उपचार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता की स्थिति के अनुरूप लगभग सभी जगह एक सा था ।तब ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य रक्षकों ने कोरोना के मरीजों का स्थानीय स्तर पर उपचार करके इसकी रोकथाम में प्रभावी भूमिका निभाई थी।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी सामान्य जांचों के लिए आज भी गांव के लोगों को शहरों की ओर जाना पड़ता है। प्राथमिक उपचार, मलेरिया की स्लाइड्स, मच्छरों को सर्वे, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियानों , कुपोषण, स्वच्छता, जल शुद्धिकरण जैसे कई सामान्य सी स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में जनस्वास्थ्य रक्षकों की प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष भूमिका होती ही है। इसके बाद भी इनकी सेवाओं को नियमों के तहत मान्यता देने में कोई बुराई नहीं है। एक सीमित अवधि के किसी डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कराकर और प्रशिक्षण देकर जन स्वास्थ्य रक्षकों को नियमों के तहत पंजीकृत किए जाने जैसी सुविधाएं मिलना चाहिए। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जनस्वास्थ्य रक्षकों की इस मांग को लेकर वे मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान  से चर्चा करेंगे। ऐसा करके सरकार गांवों में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के साथ रोजगार भी सृजित कर सकती है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने जन स्वास्थ्य रक्षकों को मानवता और सेवाभाव को मूल उद्देश्य बनाने की भी सीख दी। उन्होंने कहा कि पैसा कमाना ही आपका उद्देश्य नहीं होना चाहिए और जीवन भर स्वयं को प्रशिक्षु मानकर नई चीजें सीखते रहना चाहिए। गरीबों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराने और आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने के लिए जनस्वास्थ्य रक्षकों को उचित और ईमानदार सलाह देना चाहिए। कठिन बीमारियों के मरीजों को सही परामर्श देकर संबंधित उपचार की उपलब्धता की ओर सही मार्गदर्शन के साथ भेजना चाहिए। मंत्री श्री सिंह ने सेवाभावी होने का संदेश देते हुए सागर के चिकित्सकों स्व. डा. पीके धगट और स्व. डॉ. एनपी शर्मा का उल्लेख किया।
कार्यक्रम को  गौरव सिरोठिया, जिला पंचायत के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, महापौर प्रतिनिधि डॉ. सुशील तिवारी, जन स्वास्थ्य रक्षक संगठन के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रांतीय संयोजक डा. अभिजीत देशमुख, प्रदेश अध्यक्ष ब्रजेश पांडेय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में निगम परिषद अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, संतोष रोहित, नवीन भट्ट, डा नीना गिडियन,डा संतोष राय, राजेश्वर सेन, विक्की गौतम, श्रीकांत जैन, एस एस पांडे, पूर्णानंद त्रिपाठी, डाली राठौर, दीपक दुबे सहित अनेक गणमान्य नागरिक व बड़ी संख्या में जनस्वास्थ्य रक्षक उपस्थित थे।

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