कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने से ही आत्मा का कल्याण है। राष्ट्र संत आचार्य विहर्ष सागर जी महराज
सागर। प्रत्येक आत्मा स्वतंत्र होना चाहती है जिस प्रकार तोता भले ही सोने के पिंजरे में क्यों न हो वह स्वतंत्र स्वच्छंद होकर रहना चाहता है उसी प्रकार हमारी आत्मा स्वतंत्र होकर कर्मों की निर्जरा करके सिद्ध सिला में विराजमान हो सकती है इसके लिए हमें कंफर्ट जोन से निकलकर अन कंफर्ट जोन में जाना होगा अर्थात हमें आरामदायक और विलासिता पूर्ण जीवन छोड़कर त्याग ,तपस्या तप के साथ कठिन साधना के मार्ग पर चलना होगा तभी हम आत्मा का कल्याण कर सकते हैं यह बात राष्ट्र संत आचार्य विहर्ष सागर जी महराज ने आज धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।
पूज्य आचार्य श्री ने कहा की हमारे तीर्थंकर भगवान जो वैभव के स्वामी थे जिनके पास नौ निधि थी हजारों की संख्या में घोड़े हाथी रत्न आदि ऐसी अनेक सुख सुविधाएं थी जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते फिर भी आत्मा के कल्याण के लिए हमारे तीर्थंकर भगवान ने कंफर्ट जोन से निकलकर अर्थात सभी सुख-सुविधाओं का पद का त्याग करके मोक्ष मार्ग को अंगकार करने निकल पड़े और आज हम उन्हे पूज रहे हैं इसी प्रकार आप लोगों को भी कंफर्ट जोन से निकलकर कठिन तप व्रत उपवास त्याग के मार्ग पर चलना होगा तभी आत्मा का कल्याण संभव हो पाएगा।
महायोगी धर्मवीर विजयेश सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सागर में जगह जगह भक्तों ने गुरुओं का पाद प्रक्षालन किया इससे सागर में भक्तों की प्रमाणिकता सिद्ध होती है इसलिए ये सागर कहा जाता है क्योंकि यहां धर्म की गंगा बहा करती है।
धर्म सभा का मंगलाचरण विनीता दीदी द्वारा प्रस्तुत किया गया चित्र अनावरण अनावरण श्री जवाहर पड़ेले सुधीर जैन एवं तिलक गंज कमेटी द्वारा किया गया इस अवसर पर नगर के भामाशाह श्री महेश बिलहरा जी दिगंबर जैन पंचायत की कार्यअध्यक्षश्रीमती रश्मि रितु जी मंत्री श्रीमान राकेश चाचा जी अभय बरायठा जी राहुल बड़कुल कंछेदी दाऊजी प्रदीप बिलहरा,जयकुमार जी,अखिल जैन पराग जैन संजय बमोरी , आलोक जैन,एडवोकेट अरविंद रवि , बल्लू मिठ्या गुड्डू मिथया राहुल पाटन संजय जैन पापड़ महेश पड़ेले ग्वालियर से पधारे गुरु भक्त मुकेश सीमा जैन गीतिका जैन आदि उपस्थित थे सभा का संचालन तिलकगंज कमेटी अध्यक्ष सिंथिल पडेले ने किया यह जानकारी मीडिया प्रभारी श्रीकांत जैन ने दी l