MP: इन दिनों हर जगह सोशल मिडिया पर चल रहा है की तंदूरी रोटी पर बैन लगेगा, पर कुछ दिन ही पहले इंदौर चली खबरों का खंडन हुआ था। जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश नियंत्रण बोर्ड ने जारी बयान में अखबार में छपी खबर के साथ-साथ सोशल मिडिया पर चल रही खबरों का खंडन किया, जिसमें कहा गया कि इन्दौर सहित किसी भी शहर में तंदूर बैन नहीं किया गया है।
भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में कभी आपने ऐसा कोई राज्य सुना है, जहां तंदूरी रोटी बनाने और उसके इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध हो! नहीं सुना होगा. न सिर्फ तंदूरी रोटी पर प्रतिबंध है, बल्कि इसको बनाए जाने और पकड़े जाने पर लाखों रुपए का जुर्माना भी देना होगा।
इसके पहले जबलपुर खाद्य विभाग ने बढ़ते प्रदूषण का हवाला देते हुए इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में होटलों व ढाबों में तंदूर को बैन करने का निर्देश जारी किया था, साथ ही आदेश का उल्लंघन करने पर 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन अब मध्यप्रदेश नियंत्रण बोर्ड के जारी बयान के बाद प्रदेश में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उधर इसे तुगलकी फरमान बताने वाले होटल मालिक-संचालक, इस आदेश से हलकान हुए पड़े हैं। उनके मुताबिक, तंदूरों पर पाबंदी से सीधे-सीधे उनकी जेब पर भारी भरकम असर पड़ेगा. अधिकारियों के मुताबिक, इस आदेश के पालन की शुरुआत के लिए संबंधित लोगों को तीन दिन का समय दिया गया है। उसके बाद उल्लंघन करते पकड़े जाने पर कानूनी एक्शन शुरु कर दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में इस आदेश को जबलपुर में लागू किया गया था. स्थानीय होटलों और रेस्टोरेंट मालिकों-संचालकों को इस बारे में पूर्व सूचना/नोटिस लिखित में जारी कर दिया गया है. इस बारे में मीडिया से बातचीत में मध्य प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी ने भी एक बयान दिया है।
विभाग के सूत्र बताते हैं कि “खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने पारंपरिक मिट्टी के तंदूर भट्टी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है, क्योंकि इनमें ईंधन के रूप में कोयला और लकड़ी का इस्तेमाल होता है, जिससे वायु प्रदूषण होता है.” उन्होंने आगे कहा कि, फिलहाल एहतियातन यह प्रतिबंध इंदौर, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में लागू किया गया हैं।