विवि में संगीत चिकित्सा पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का सप्तम
सागर। संगीत विभाग डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में आयोजित संगीत चिकित्सा पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का सप्तम एवं समापन दिवस रहा। प्रथम सत्र में प्रथम वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के युवा धुपद गायक डा विशाल जैन जी रहे। उन्होंने प्रतिभागियो को सही ढंग से संगीत अभ्यास का ढंग बताया। ध्रुपद गायकी हेतु मार्गदर्शन दिया एवं संगीत साधना के महत्व को भी समझाया । द्वितीय एवं समापन सत्र में प्रस्तुतियां विभागीय छात्र छात्राओं के द्वारा दी गई प्रस्तुतियों के क्रम में प्रथम प्रस्तुति तृप्ति सेन की रही उन्होंने सरस्वती वंदना से सत्र का प्रारंभ किया । शास्त्रीय गायन के क्रम में यश पाठक, यश गोदरे एवं कौशल मेहरा ने अपनी प्रस्तुतियां दी । सुगम संगीत के अंतर्गत अभिषेक राज ,राजा मिश्रा, Only ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी। जिन्हें खूब सराहना मिली, शैलेंद्र सिंह राजपूत आकाश जैन, मयंक साहू आशुतोष श्रीवास्तव मयंक विश्वकर्मा लोकेंद्र दागी ने तबला संगति की हारमोनियम पर संगत अतुल पथरोल एवं स्तुति खम्परिया ने की।सत्र मैं मुख्य अतिथि के रूप मैं डा ललित मोहन रहै। डा राहुल स्वर्णकार जी ने स्वागत भाषण के साथ संगीत चिकित्सा पर व्याख्यान के सातों दिवस की मुख्य तथ्यों पर प्रकाश डाला। डॉ अवधेश तोमर ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के साथ साथ इस आयोजन की सफलता हेतु प्रो नीलिममा गुप्ता, प्रो हेरेल थॉमस, प्रो नवीन कंगो का आभार माना।सभी प्रतिभागियो को स्मृति चिन्ह दिये गए। विश्वविद्यालय की कुलपति और कुलसचिव ने सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी। अंत में सभी का आभार डॉ अवधेस प्रताप तोमर ने व्यक्त किया..