मानव विज्ञान विभाग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विचार रखेंगे देश-विदेश के विद्वान
सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के मानवविज्ञान विभाग द्वारा कणाद भवन के सेमिनार हाल में 13 व 14 फरवरी, 2023 को प्रातः 9:30 बजे से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा । इसमें सम्मलेन में भारत के मानव विविधता को समझने के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक और जैविक विविधताओं के मानव वैज्ञानिक पद्धतियों के तरीकों पर पुन: चर्चा की जायेगी । इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के विद्वान शोध सारांश प्रस्तुत करेंगे।
इस सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत के मानव विविधता को समझने के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक एवं जैव विविधता का मानवविज्ञान के विभिन्न पद्धतियों का पुनः आकलन करना है । जिससे भारत की मूल प्रजातियों का यूरेशिया के अन्य देशो के मानव से तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके।
सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर नीलिमा गुप्ता, कुलपति , डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश; रूस के डॉ. मिखायेल याकुशेव, निदेशक एवं डॉ. डेनिस पेंजेस्की, उप-निदेशक, पैलियोएथ्नोलोजी शोध केंद्र, मास्को से ऑनलाइन जुड़ेंगे। मुख्य वक्ता द्वय- विषय विद्वान प्रोफेसर नीरज वेदवान, मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी, यू. एस. ए. और प्रोफेसर देबाशीष देबनाथ, डॉ. अम्बेडकर चेयर प्रोफेसर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय , महू, इंदौर, प्रोफेसर के. के. एन. शर्मा डीन एस ए एस, प्रोफेसर राजेश कुमार गौतम, विभागाध्यक्ष, मानवविज्ञान विभाग रहेंगे।
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समन्वयक डा. सर्वेन्द्र यादव ने बताया कि दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में कुल 101 जिसमें रूस से 10, पोलैंड से 1 , यू.एस.ए. से 1 और बांग्लादेश से 1 तथा भारत से 88 शोध सारांश प्राप्त हुए। जिसमे भारत के शीर्ष संस्थानों के प्रोफेसर अमन मदान, अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर सर्वेश्वर साहू, आई.आई. दिल्ली, प्रोफेसर ए. के. शर्मा, आई.आई. कानपुर, जे.एन.यू., दिल्ली, आई.आई. बाम्बे, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद, केंद्रीय विश्वविद्यालय नेहू, शिलांग सहित देश के अनेक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के विषय विद्वान शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।