अपने अंदर की क्षमता को पहचान कर आगे बढ़ें – प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

अपने अंदर की क्षमता को पहचान कर आगे बढ़ें – प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

सागर। दीपक की रोशनी, पुष्प की सुगंध और संगीत की लय – सब आपके अंदर ही निहित है। इन सबको निखारें और दुनिया में छा जाओ। आपकी कोशिश ही आपकी सफलता का आधार है।” ये विचार दिये प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में।
डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर मध्यप्रदेश के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग में पदस्थ प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने सात दिवसीय कौशल उन्नयन शिविर में अध्यक्षता करते हुए कहा कि युवाओं में प्रतिभा और क्षमता का भण्डार होता है। जरूरत होती है खुद को पहचान कर अपने आत्म विश्वास को जगाने की।
इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ द्वारा आयोजित सात दिवसीय कार्यक्रम का संचालन डाॅ कीर्ति विक्रम सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मलेशिया के लिंकन यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष और कुलपति प्रो आमिया भौमिक ने संबोधित करते हुए कहा कि गीता के कर्मयोग और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से सीखते हुए अपने सपनों को पूरा करें। डाॅ कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि शिक्षा और जागरूकता से जीवन को समृद्ध बनाना आसान हो जाता है। कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने अपनी जिज्ञासायें भी रखीं। डाॅ जुबेर ने आभार व्यक्त किया। मंच संचालन यशस्वी पाल ने किया ।

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