राहतगढ़: शिव पिता को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया

शिव पिता को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। ब्रह्माकुमारीज संस्थान में 87 वा त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया

शिव पिता पर हुई समर्पित बहनों का हुआ सम्मान।

राहतगढ़। सोमवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र में 87 वा त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शिव बाबा का झंडा फहराया गया। भाई बहनों ने शिव ध्वज के नीचे जीवन में व्याप्त बुराइयां, गलत आदतें शिव पर अर्पण करने का संकल्प लिया। बीके छाया दीदी (सागर) ने बताया कि महाशिवरात्रि का महापर्व कई आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए है। यह पर्व सभी पर्वों में महान और श्रेष्ठ है, क्योंकि शिवरात्रि परमात्मा के दिव्य अवतरण का यादगार महापर्व है। बीके सीता बहन (बंडा) ने कहा कि हम शिवालयों में अक-धतूरा, भांग, आदि अर्पित करते हैं। इसके पीछे आध्यात्मिक रहस्य यह है कि जीवन में जो कांटों के समान बुराइयां हैं, गलत आदतें हैं। गलत संस्कार हैं, कांटों के समान बोल, गलत बोल- सोच को आज के दिन शिव पर अर्पित कर मुक्त हो जाएं। बीके लक्ष्मी बहन (गौरझामर) ने बताया कि हम दुनिया में देखते हैं कि दान की गई वस्तु वापस नहीं ली जाती है।

इसी तरह परमात्मा पर आज के दिन अपने जीवन की कोई एक बुराई जो हमें आगे बढऩे से रोक रही है, उसे शिव को सौंपकर मुक्त हो जाएं। फिर आपकी जिम्मेदारी परमात्मा की हो जाएगी। बीके ज्योति बहन गैरतगंज ने बताया कि परमपिता शिव इस धरा पर अवतरित होकर हम सभी विश्व की मनुष्य आत्माओं को सहज राजयोग की शिक्षा दे रहें हैं। बीके मोहिनी बहन सिलवानी ने बताया कि धर्म का आचरण ड्रेस पहनने से नहीं बन जाता है। उसे जीवन चरित्र में उतारना होगा। राहतगढ़ सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके नीलम बहन ने बताया कि ज्योतिर्बिंदु स्वरूप हैं परमात्मा। भारत में 12 ज्योतिर्लिंग प्रसिद्ध हैं और गली-गली में शिवालय बने हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि वह परमपिता परमात्मा कभी इस सृष्टि पर आएं हैं और विश्व कल्याण का कार्य किया है, तभी तो हम उन्हें याद करते हैं। शिव जन्ममरण से न्यारे हैं। ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के भी रचयिता त्रिमूर्ति हैं, जिन्हें हम परमात्मा शिव कहते है। इस मौके पर शिव पिता पर समर्पित बीके निधि बहन और बीके नेहा बहन का सम्मान किया गया। आभार नीलम बहन ने जताया। इस मौके पर बीके आरती बहन, सुशीला बहन, अभिलाषा बहन, तारा बहन, खुशबू बहन, अनिल भाई, सुनील भाई आदि भाई बहन मौजूद रहे।

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