घर में आगजनी करने वाले आरोपी को 10-10 साल की कैद और जुर्माना

घर में आग लगाकर क्षति कारित़ करने वाले आरोपीगण को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20-20 हजार/-रूपये अर्थदण्ड

सागर। घर में आग लगाकर क्षति कारित करने वाले आरोपीगण सरवन सिंह बुंदेला एवं निक्की उर्फ उदय प्रताप सिंह बुंदेला थाना-भानगढ़ को न्यायालय प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीष, बीना जिला-सागर हेमंत कुमार अग्रवाल की न्यायालय ने भादवि की धारा-436 सहपठित धारा-34 के तहत 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व बीस-बीस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया। उक्त मामले की पैरवी श्याम सुंदर गुप्ता वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी/शिकायतकर्ता ने थाना भानगढ़ में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 14.09.2017 को करीब 09ः00 बजे फरियादी सुरेन्द्र उर्फ दिलवर, अवतार सिंह, सलमान सिंह, रवेन्द्र सिंह के साथ सलीता उडद की गाहनी करने के लिए टेक्टर लेकर चला गया था, घर पर उसकी मां श्रीमति हीरा बाई थी, करीब 03ः30 बजे शमशाद ने मोबाईल पर फोन करके बताया कि तुम्हारे घर में आग लगी है, तो फरियादी ने तत्काल 181 नंबर पर शिकायत नोट कराई तथा छोटे भाई रवेन्द्र सिंह को कंजिया भेजा, रवेन्द्र ने कंजिया से फोन लगा कर बताया कि आग ज्यादा लगी है।

फिर पुलिस वालों ने फायर बिग्रेड के माध्यम से आग बुझाई। आग लगने से बिस्तर, तखत, पहनने के कपडे, 10 बोरा चना, एक बोरा मसूर, एक जोडी टायर टेªक्टर के, बांस, बल्ली-लकडी, कागजात एवं नगदी रूपए साठ हजार जल गए, करीब दो लाख रूपए का नुकसान हो गया। फरियादी की मां ने बताया कि जब आग लगी थी, तब वह अजय यादव की मां एवं बहन के साथ बैठी थी, आग लगने पर देखा तो घर की तरफ से अभियुक्त सरमन सिंह बुंदेला निकल कर जा रहा है, अभियुक्त सरमन सिंह बुंदेला के साथ उनकी पुरानी बुराई चल रही है, आग लगने का सरमन सिंह पर संदेह है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना मे ंलिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-भानगढ़ द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 436, 34 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीष, बीना जिला-सागर श्री हेमंत कुमार अग्रवाल की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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