Sagar: 7 दिन में 1000 ऑनलाइन चालान तैयार हुए, 4 मर्डर और कई केस खोले कैमरों ने, ऐसे करता है सिस्टम काम देखें

यातायात नियमों पर प्रत्येक नागरिक जागरूक हो- कार्यकारी निदेशक चंद्रशेखर शुक्ला

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान आईटीएमएस द्वारा नागरिकों को जागरूक किया गया
11 से 17 जनवरी तक यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1002 वाहनों के ऑनलाइन चालान जनरेट हुए

गजेंद्र ठाकुर✍️-9302303212

सागर। 11 से 17 जनवरी तक प्रत्येक वर्ष मनाएं जाने वाले राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह को सागर स्मार्ट सिटी में भी पूर्ण सक्रीयता के साथ मनाया गया। सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ चन्द्रशेखर शुक्ला के निर्देशानुसार इंटेलिजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस)के पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से यातायात नियमों के पालन करने व यातायात सुरक्षा की जानकारी नागरिकों को लगातार प्रदान कर जागरूक किया गया। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लगभग 1002 वाहन चालकों पर ऑनलाइन चालानी कार्यवाही की गई है। जिसके तहत लगभग 245 वाहन मालिकों ने चालान की राशि ऑनलाइन या यातायात थाना के माध्यम से जमा की है।

आईटीएमएस सिस्टम के तहत शहर में ये उपकरण लगाएं गए
सागर के प्रमुख सड़क मार्गों पर आईटीएमएस सिस्टम के तहत रेड लाईट वॉइलेशन(आरएलवीडी)कैम, ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन(एएनपीआर) कैमरे, सर्विलेंस कैमरे, पीटीजेड कैमरे लगाएं गए हैं। एसवीडी कैमरों सहित 2 स्पीड डिटेक्शन पॉइंट बनाएं गए हैं।

आपात स्थिति में तत्काल सहायता हेतु चौराहों पर हैं इमरजेंसी कॉल बॉक्स

किसी भी आपात स्थिति में जैसे एक्सीडेंट, चोरी, लूट, गुमशुदा, अकस्मात स्वास्थ्य समस्या, झगड़ा आदि में नागरिकों को तत्काल सहायता प्रदान करने हेतु इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इंटीग्रेट आईटीएमएस सिस्टम के तहत विभिन्न चौराहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी मशीने) लगाई गईं हैं। इमरजेंसी कॉल बॉक्स में लगे रेड बटन को प्रेस करने पर आमजन सीधे आईसीसीसी में स्थल की वीडियो सहित कनेक्ट होता है और अपनी आपात स्थिति की आपबीती यहाँ के ऑपरेटर को बताकर तत्काल यथोचित सहायता प्राप्त कर सकता है।

4 मर्डर सहित अब तक कुल 180 से अधिक केस सॉल्व करने में मिली सफलता
विभिन्न प्रकार की वारदातों यथा चोरी, वाहन चोरी, लूट, किडनेपिंग, बच्चा चोरी के प्रयास, मर्डर, गुमशुदा, एक्सीडेंट, कटरबाजी, झगड़ा आदि सहित अन्य जघन्य अपराधों को आसानी से फाइंड करके सॉल्व करने में आईटीएमएस की मदद से पुलिस विभाग को विशेष सफलता मिली है। अब तक 537 से अधिक लोगों ने पुलिस अधिकारी के साथ आईसीसीसी में आकर अपनी उक्त समस्याओं से संबंधित जानकारी प्राप्त की है। 60 वाहन चोरी के केस, 90 एक्सीडेंट केस, 4 मर्डर केस, 4 चैन स्नेचिंग केस, 10 गुमसुदा लोगों के केस, 2 लूट केस एवं 10 चोरी के केस सहित 180 से अधिक आपराधिक केसों को प्राथमिकता के साथ सॉल्व करने में मदद करते हुए शहर को सुरक्षित बनाने में सहयोग दिया है।

ऐसे करता है आईटीएमएस सिस्टम कार्य
शहर के मुख्य स्थलों पर लगाए गए आईटीएमएस सिस्टम को आईसीसीसी में इंटीग्रेट कर स्मार्ट सिटी के ई-गवर्ननेंस मैनेजर अनिल शर्मा के मार्गदर्शन में ऑपरेटरों एवं एक्सपर्ट की टीम द्वारा सतत मॉनिटर किया जा रहा है।आईसीसीसी में कार्यरत ऑपरेटर चौराहों पर लगे आईटीएमएस के पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम की मदद से एक साथ विभिन्न चौराहों पर अनाउंसमेंट करके नागरिकों को यातायात नियम सहित अन्य आवश्यक जानकारिया प्रदान करते हुए जागरूक बनाता है। विभिन्न चौराहों तिराहों सहित एंट्री- एग्जिट पर लगे कैमरों द्वारा 24 घंटे उक्त मार्गों से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन की नंबर प्लेट की फोटो जानकारी एकत्र की जाती है। इसके साथ ही वाहनों पर सवार लोगों के साथ-साथ कैमरे की निगरानी क्षमता तक के पूरे क्षेत्र की भी वीडियो एकत्र होती है। इसे आरटीओ से संबद्ध किया गया है जिससे यातायात नियमों का उल्लंघन करते ही ऑनलाइन चालान रजिस्टर्ड वाहन नम्बर की डिटेल से जनरेट होता है। और उक्त वाहन मालिक के घर पर पहुंचाया जाता है। तीन से अधिक चालान बनने के बाद भी चालान की राशि न भरने और लापरवाही करते हुए लगातार यातायात उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, एवं वाहन रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की कार्यवाही प्रस्तावित है। अब तक कुल आईटीएमएस द्वारा अब तक कुल 72,150 ऑनलाइन चालान जनरेट किए गए।

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