MP: जबलपुर में तीसरे वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने उद्बोधन दिया। उन्होंने रामायण की चोपाई सियाराम मय सब जग जानी करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी कहीं और आगे बताया कि रामायण एक अद्भुत ग्रंथ है। मध्यप्रदेश के गाँव-गाँव में रामचरित मानस गाया जाता है। राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं, हर साँस में बसे हैं। राम और रामायण के बिना यह देश जाना नहीं जा सकता और यह सिर्फ देश तक सीमित नहीं है। रामायण जी ने दुनिया के बड़े हिस्से को प्रभावित किया। राम तो सबके हैं। अंतरराष्ट्रीय रामायण कांफ्रेंस का ध्येय वाक्य है “रामायण की सौम्य शक्ति”।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दुनिया की सारी समस्याओं का समाधान अगर कहीं है तो भारतीय चिंतन व सोच में है। अयं बन्धुरयं नेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥ यही से विश्वकल्याण का भाव आता है और विश्व कल्याण का भाव आ गया तो सारी उठापटक शांत हो जाए। मैं डॉक्टर गुमास्ता जी को, आयोजन समिति के अध्यक्ष श्रीमान अजय विश्नोई जी को ह्रदय से धन्यवाद देता हूं कि तीसरी अंतरराष्ट्रीय रामायण कॉन्फ्रेंस संस्कारधानी जबलपुर में अयोजित हो रही है। संस्कारधानी जबलपुर सचमुच में भाग्यशाली है। यहाँ की पावन धरती से भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को शांति का दिग्दर्शन होगा। इस सम्मेलन से रामायण में निहित प्रेम, शांति, प्रसन्नता, एकता एवं भाईचारे का संदेश जाएगा।