अपराधशास्त्र का ज्ञान अपराध नियंत्रण और अन्वेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण- प्रो राजपूत

0
1

अपराधशास्त्र का ज्ञान अपराध नियंत्रण और अन्वेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण” – प्रो दिवाकर सिंह राजपूत

सागर। “अपराधशास्त्र और फोरेन्सिक साइंस विषय का गहन ज्ञान शिक्षा, शोध और रोजगार के साथ ही समाज कल्याण की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। अपराधशास्त्र विषय अपराध के कारणों की खोज का आधार देता है और अपराध-नियंत्रण के लिए दिशा भी देता है। साथ ही अपराधिक घटनाओं के अन्वेषण और अपराधी सुधार के लिए भी सहयोगी भूमिका का निर्वाह करता है।” ये विचार दिये प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने एक ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप उद्बोधन देते हुए।
डाॅ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग में पदस्थ प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस कान्फ्रेस ‘तथ्यम’ में प्रथम अकादमिक सत्र में पेनलिस्ट के रूप में व्याख्यान दिया। प्रो राजपूत ने अपराध के कारणों की ऐतिहासिक विवेचना करते हुए नवीन अपराधों के स्वरूप एवं कारणों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो गुरुस्वामी ने की। संचालन डाॅ अनुराग श्रीवास्तव ने किया। संयोजन डाॅ स्वाति मिश्रा और डाॅ नन्दिनी ने किया। कार्यक्रम में डाॅ गौतम, डाॅ आशुतोष एवं अन्य प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने अपनी जिज्ञासायें रखीं, जिनका समाधान विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here