सागर। आज शुक्रवार को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक तय है । इसका 12 सूत्रीय एजेंडा जारी हो चुका है जिसमें 2 महत्वपूर्ण बिंदु 6 अक्टूबर 2022 को हुई निगम परिषद की बैठक में सीवर प्रोजेक्ट एवं टाटा कंपनी द्वारा शहर में किए जा रहे पेयजल सप्लाई के कार्यों की समीक्षा के हैं। जो निर्णय और निर्देश पिछली बैठक में हुए थे, उन पर पूर्णत: अमल नहीं हुआ है। लिहाजा, परिषद अब क्या निर्णय लेगी, यह भी महत्वपूर्ण रहेगा। दरअसल, पिछली बैठक में पार्षदों से लेकर महापौर और विधायक द्वारा उठाए गए सवालों और निगमाध्यक्ष के निर्देश पर टाटा कंपनी के अधिकारियों ने बताया था कि 8 में से 6 जोन का काम दिसंबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस पर विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा था कि टाटा यदि 31 दिसंबर तक 6 जोन का काम नहीं करे तो भारी भरकम पेनाल्टी लगाई जाए। शनीचरी – शुक्रवारी जैसे वार्ड के काम जल्दी करें। यदि हार्डवर्क की कहानी है तो लिखकर दें।
इस पर निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने कहा था कि कंपनी वाले लिखित में दें कि वे कब तक क्या काम कर लेंगे। हालांकि उन्होंने जो पत्र भेजा, उसमें ऐसा कुछ स्पष्ट लिखने की जगह घुमावदार जवाब दे दिया। परंतु वास्तविकता यह है कि शहर में एक भी वार्ड अभी ऐसा नहीं है जहां हर घर में कनेक्शन कर दिए गए हों।
इसी प्रकार सीवर लाइन को लेकर भी सवाल उठे थे। कई पार्षदों और एमआईसी सदस्यों तक ने कहा था कि कई जगह चैंबर घरों से ऊपर हो गए हैं। इस पर विधायक जैन ने कहा था कि यह विसंगति कहीं भी है तो हमारी आत्मा खत्म हो जाएगी। चैंबर ऊपर हैं तो घरों के डिस्चार्ज से तो यह मुश्किल है। हर वार्ड मेंबर के साथ घरों में जाकर चेक करें। सीवर वालों ने काम बहुत ही उल्टा किया। एसटीपी का काम आखिरी का था लेकिन सबसे पहले बनाया। कोई सीक्वेंस नहीं है। प्रगति बहुत धीमी है। स्पष्ट बताएं कि 31 मार्च तक कितना काम कर लेंगे। 4-5 वार्ड भी रह गए तो योजना का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। इस पर सीवर का काम देख रही कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया था कि मार्च 2023 तक हमारे द्वारा बनाए गए शहर के 3 में से 2 जोन का शतप्रतिशत काम पूरा हो जाएगा। एक जोन के 28 हजार घर रह जाएंगे। यानी करीब 32 हजार घरों में कनेक्शन हो जाएंगे। हालांकि इसकी गति अभी बहुत धीमी है। महापौर संगीता डॉ. सुशील तिवारी ने भी सभी काम वादे के अनुसार पूरे करने को कहा था।
परिषद की पिछली बैठक में टाटा और सीवर की मनमानी और लेटलतीफी पर भाजपा पार्षद मुखर दिखे थे। पार्षदों ने यह तक कह दिया था कि पेयजल और सीवरलाइन के मनमाने कार्यों की वजह से हम निगम के 40 वार्ड ही जीते। काम सही किया होता तो 48 में से 48 वार्ड भाजपा जीतती विधानसभा चुनाव 2023 में टाटा और सीवर हमारे लिए सबसे बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं। स्वच्छता में हमें टॉप-10 में आना है तो यह काम समय से करना ही पड़ेगा।