MP: आज सुबह करीब 10 बजे वायुसेना के दो फाइटर प्लेन मिराज और सुखोई मुरैना जिले के जंगल मे दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इसमें एक पायलट की मौत हो गई दोनों विमान हवा में ही टकराए। इससे एक में आग लग गई और वह क्रैश हो गया। वहीं, दूसरा आगे निकल गया।भारतीय वायु सेना (IAF) ने बताया कि यह बताते हुए बहुत खेद है कि विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी को दुर्घटना के दौरान घातक चोटें आईं।
सभी वायु योद्धा और परिवार शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है।
मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में हुए हादसे के चश्मदीद मईद खान ने बताया कि आग लगते हुए ही प्लेन जा रहा था। एक आगे चला गया था। दोनों प्लेन टकराने से ही एक यहां गिरा। दूसरा प्लेन आगे जाकर गिरा। हमने देखा कि दो लोग पैराशूट से निकल आए थे।
#UPDATE | IAF deeply regrets to inform that Wg Cdr Hanumanth Rao Sarathi suffered fatal injuries during the accident. All air warriors and the fraternity stand strongly with the bereaved family: Indian Air Force
— ANI (@ANI) January 28, 2023
घटना के बाद से ही पुलिस, प्रशासन और एयरफोर्स की टीम ने पूरे इलाके को कवर कर लिया। पहले यह चर्चा थी कि क्रैश होने वाले सुखोई 30 और मिराज 2000 दो लड़ाकू विमान हैं। बाद में बताया गया कि एक ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। दूसरा सुरक्षित उड़ता हुआ आगे निकल गया। हालांकि, बाद में पता चला कि एक विमान राजस्थान के भरतपुर जिले में जाकर क्रैश हुआ।
इसी तरह एक और चश्मदीद ब्रजेश कुमार शुक्ला ने भी दावा किया कि दोनों विमान टकराकर ही क्रैश हुए। एक यहां क्रैश हुआ। दूसरा आगे निकल गया। इसके बाद दिल्ली से वायुसेना ने हादसे में एक पायलट की मौत की पुष्टि कर दी। दोनों गंभीर घायल पायलटों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंचा था। मुरैना के कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि उन्हें एयरफोर्स से पता चला है कि ग्वालियर से सुखोई और मिराज ने एक साथ उड़ान भरी थी। यह विमान मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए। एक विमान तो जलकर पहाड़गढ़ इलाके में गिर गया। दूसरे का मलबा भरतपुर इलाके में भी पड़ा मिला। दो पायलट तो घायल अवस्था में रिकवर हो गए, जबकि एक की मौत हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने वायुसेना प्रमुख को इस बात की जांच करने को कहा है कि अभ्यास के दौरान वायुसेना के दो फाइटर प्लेन आखिरकार एक ट्रैक पर आए कैसे? फिलहाल वायुसेना के अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं। स्थानीय लोगो का कहना है कि विमानों में जब आग लगी तब वे मुरैना जिले के कैलारस कस्बे के ऊपर से गुजर रहे थे। लोगों ने हवा में उन्हें आग से जलते देखा तो हड़कंप मच गया कि अगर इसका मलबा नीचे गिरा तो पूरा कस्बा तबाह हो सकता है। मलबा काफी दूर जंगल में गिरा।