सागर: स्कूल में जय श्री राम बोलने पर छात्र निष्काषित, विधायक बोले कॉन्वेंट स्कूल पर कड़ी कार्रवाई करें

विधायक ने कलेक्टर, डीईओ को लिखा पत्र, कॉन्वेंट स्कूल पर कड़ी कार्रवाई करे

बाल आयोग, कलेक्टर कॉन्वेंट स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें: विधायक शैलेंद्र जैन

विधायक ने कॉन्वेंट स्कूल पर कार्रवाई के लिए बाल आयोग, कलेक्टर को पत्र लिखा, बोले—सख्त कार्रवाई हो

गजेंद्र ठाकुर ✍️-9302303212

सागर। सागर में सेंट जोसफ़ कॉन्वेंट में छात्रों द्वारा जय श्री राम बोलने पर उनको निष्काषित कर दिया गया वाले मामले में तूल पकड़ता दिखाई दें रहा हैं हिंदूवादी संगठनों द्वारा तीखा विरोध शुरू हो गया हैं तो वहीं स्थानीय विधायक और भाजपा नेता शैलेन्द्र जैन ने भी इस मामलें पर स्कूल प्रबंधन पर तीखा हमला बोला हैं।

विधायक शैलेंद्र जैन ने बाल संरक्षण आयोग, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल प्रशासन पर सख्त व कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। एमएलए जैन ने कहा कि कॉन्वेंट स्कूल प्रबंधन की तानाशाही और अब जय श्रीराम का नाम लेने पर बच्चों को सस्पेंड करने का मामला सामने आया है। यह सख्त अपत्तिजनक है। दो दिन पहले ही एक बच्ची को फीस के लिए डेढ़ घंटे क्लास से बाहर रखने का मामला भी सामने आया था।

विधायक शैलेंद्र जैन ने मप्र बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग एवं कलेक्टर दीपक आर्य और जिला शिक्षा ​अधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल प्रबंधन ने महज जय श्रीराम बोलने पर छात्रों को निलंबित कर दिया। यह धार्मिक एवं ​अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है। स्कूल प्रबंधन द्वारा कुछ बच्चों से माफीनामा लिखवाए जाने की बात भी सामने आई है। यह बहुत ही आपत्तिजनक है। मामले में जल्द से जल्द स्पष्ट और निष्पक्ष जांच कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

बच्ची को 10वीं के प्री—बोर्ड एक्जाम के दिन डेढ़ घंटे बाहर खड़े रखा, विधायक जैन ने दो दिन पहले की सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल की घटना का उल्लेख शिकायत में किया हैं। उन्होंने बताया कि बीते रोज उनके पास एक अभिभावक शिकायत लेकर आए थे, जिसमें स्कूल प्रशासन द्वारा कक्षा 10वीं के प्री बोर्ड एग्जाम के लिए अभिभावकों से जनवरी एवं फरवरी की ऑनलाइन परीक्षा फीस एडवांस में जमा करने के निर्देश दिए थे। फीस जमा न करने पर विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रखने की बात कही गई थी। अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी बेटी को परीक्षा में डेढ़ घंटे तक बाहर खड़े रखा गया और उसे अगले डेढ़ घंटे में एक्जाम पूर्ण करने का समय दिया गया, जिससे वह बच्ची मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हुई। इस संबंध में भी उन्होंने बाल संरक्षण आयोग कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर अविलंब जांच की मांग की है और जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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