महिला स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए विचार समिति ने किया सम्मान समारोह का आयोजन

महिला स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए विचार समिति ने किया सम्मान समारोह का आयोजन

गजेंद्र ठाकुर✍️ सागर। विचार समिति एवं क्वेस्ट एलाइंस के संयुक्त तत्वावधान में महिला स्वरोजगार की और बढ़ते कदमों को प्रोत्साहित करने के लिए विचार समिति ने किया समिति प्रांगण में
सम्मान समारोह का आयोजन किया। 75 प्रतिभागियों को गोबर की शील्ड व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
तीन प्रोजेक्ट पर सहभागियों का सम्मान किया गया। प्रथम प्रोजेक्ट में तीन दिवसीय स्वरोजगार प्रशिक्षण का आयोजन किया जिसमें गुजरात, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ राज्यों के 12 ट्रेनर शामिल थे। प्रशिक्षण में स्वरोजगार का मतलब जानना, स्वरोजगार कैसे शुरू किया जाए की जानकारी, बजट बनाना, विपणन और बिक्री करने के तरीकों का प्रशिक्षण शामिल था। द्वितीय प्रोजेक्ट में तीन दिवसीय स्कूली शिक्षकों की वचुर्अल प्रशिक्षण में 21वीं शताब्दी के कौशलों, वर्तमीन परिपेक्ष्य में शैक्षणिक, आवश्यकताओं के लिए 65 शिक्षकों ने सहभागिता रखी थी। इसके अलावा तृतीय प्रोजेक्ट में स्वावलंबन योजना के तहत गोबर से बने उत्पादों के प्रमोशन, विक्रय, डिजाइनिंग में सहभागी थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद्मश्री सम्मान से सम्मानित रामसहाय पांडे, विशिष्ठ अतिथि बंसल हास्पिटल के सीईओ डॉ. संकेत लहरी, कवि हरगोविंद विश्व, मंचासीन पदाधिकारी क्वेस्ट एलाइंस बैंगलोर से प्रांजल मिश्रा, भावी निर्माण सोसायटी जयपुर से गिरिराज शर्मा, रमा शर्मा उपस्थित थे।
इस अवसर पर बंसल हास्पिटल के सीईओ संकेत लहरी ने कहा कि विचार समिति शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सभी मुद्दों पर ईमानदारी से कार्य कर रही है। उन्होंने गोबर से बने उत्पादों के संबंध में कहा कि वर्तमान पीढ़ी के दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। जिससे इन उत्पादों की आवश्यकता अधिक से अधिक बढ़े।
रामसहाय पांडे ने कहा कि विचार समिति जो कार्य कर रही है उससे सागर का नाम निश्चित तौर पर विश्व में ऊंचा उठेगा। उन्होंने महिला सशिक्तकरण को बढ़ावा देते हुए कहा कि बेटियां लक्ष्मी का रूप होती हैं और लक्ष्मी के अभाव में पूरा घर सूना लगता है।
हरगोविंद विश्व ने बताया कि मुझे बहुत खुशी होती है कि हम साहित्यिक, सांस्कृतिक विरासत को संजोय हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्या हमने कभी यह कल्पना की थी कि गाय के गोबर से घड़ी बन सकती है? लेकिन यह कार्य विचार समिति ने कर दिखाया।
विचार समिति संस्थापक अध्यक्ष कपिल मलैया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सागर में प्रतिभा की कमी नहीं है। किसी ने कभी यह सोचा भी नहीं होगा कि गाय के गोबर से घड़ी, मोमेंटो, घर के साज-सज्जा का सामान बनाया जा सकता है। अभी ऐसा लगता होगा कि हम बहुत कार्य कर चुके हैं लेकिन मेरी दृष्टि से यह मात्र तीन प्रतिशत ही काम हुआ है। हमारे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हमें और अधिक तेजी से काम करना होगा। हमारे इतने कम प्रयास से ही कितना बदलाव दिखाई देने लगा है। उन्होंने आगे कहा कि आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या रोजगार है। हम सभी को स्वरोजगार को आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।
कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गोबर परियोजना की शुरूआत मुख्य रूप से इसलिए हुए थी क्योंकि लघु उद्योगों से जुड़े लोग बहुत कम पैसा कमा पाते थे, गायों को आवारा छोड़ दिया जाता था और मिट्‌टी के दिये पके होने के कारण वह अनउपजाऊ हो जाती थी
इस अवसर पर विचार समिति सचिव आकांक्षा मलैया ने बताया कि समिति एवं क्वेस्ट एलाइंस द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के स्त्रोतों से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में उनके लिए आय के साधन, उत्तम स्वास्थ्य, जागरूकता संबंधी अभियान एवं उनकी आवाज को मंच प्रदान करने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं।
मंच संचालन करते हुए समिति मार्गदर्शक श्रीयांश जैन ने समिति द्वारा किए गए सामाजिक बदलाव की दिशा में पूर्व कार्यों की रूपरेखा से उपस्थित जनसमूह को परिचित कराया। सहसंचालक अभिलाषा जाटव ने मोहल्ला विकास की जानकारी साझा की।
इस अवसर पर विनय मलैया, सौरभ रांधेलिया, अंशुल भार्गव, राजेश सिंघई, राजकुमार नामदेव, उमाकांत मिश्रा, सूरज सोनी, अनुराग विश्वकर्मा, आयुषी सागर, ज्योति सराफ, नीपा दिवाकर, रजनी जैन आदि उपस्थित थीं।

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