महिला से छेड़छाड़ करने वाले इन दो आरोपियों को पत्थर थोड़ सजा मुक़र्रर

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महिला से छेड़छाड़ करने वाले दो आरोपी को 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपये जुर्माना
सागर । महिला से छेड़छाड़ करने वाले दो आरोपी रतन सिंह एवं खेत सिंह को न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तह. बंडा जिला-सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.दं.सं. की धारा 354/34 के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500-500/- रूपये के अर्थदंड एवं धारा 354-ख/34 के तहत भी तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500-500/- रूपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री ताहिर खान ने की ।
घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाना बण्डा में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह ग्राम मुड़ारी बुजुर्ग की रहने वाली है, उसकी ससुराल ग्राम पिपरोधा में है, वह दिनांक 25.06.2017 को लगभग रात्रि 09 बजे, उसके बड़े भाई संतोष लोधी के साथ ससुराल से मायके मुड़ारी बुजुर्ग बस से आ रही थी और तिंसी चौराहा में बस से उतर कर भाई के साथ चौराहा में खड़ी थी, तभी गांव के रतन लोधी और खेत सिंह लोधी आये और संतोष से बोले कि फरियादिया को उनकी मोटरसाइकिल पर बैठा दो, तो संतोष ने फरियादिया को उनकी मोटरसाइकिल में बैठा दिया, तब रतन लोधी मोटरसाइकिल आगे चलकर ततरवारा रोड पर ले जाने लगा जिससे फरियादिया मोटरसाइकिल से कूद गई और वह भागने लगी तब रतन ने मोटरसाइकिल खड़ी करके उसे दौड़कर पकड़ लिया और बुरी नियत से उससे झूमा झटकी की जिससे वह गिर गई, फिर वह छूटकर भागी तो पास में बने मकान धर्मेन्द्र लोधी के घर पहुंच गई तब रतन बोल रहा था कि यदि किसी को यह बात बताई तो जान से खत्म कर देगा। खेतसिंह भी बोल रहा था कि इसके साथ गलत काम करना है, झूमा झटकी एवं गिरने से उसे बांये हाथ की कुहनी, दाहिने हांथ की कुहनी और बांये पैर के घुटने के पास एवं बांये पैर के पुटठे मे चोट लगी है। पूरी घटना धर्मेन्द्र के घर वालो ं को बताई, बाद में संतोष, वीरेन्द्र, हल्लू, आ गये थे जिन्हे घटना बताई थी। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बंडा द्वारा धारा 294, 354, 506, 34 भा.दं.सं.का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तह. बंडा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये दोनों आरोपीगण को भा.दं.सं. की धारा 354/34 के तहत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500-500/- रूपये के अर्थदंड एवं धारा 354-ख/34 के तहत भी तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500-500/- रूपयेे अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।

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