दलाई लामा को गांधी मंडेला शांति पुरस्कार मिलने पर 101 दीपों का प्रज्वलन किया

दलाई लामा को गांधी मंडेला शांति पुरस्कार मिलने पर 101 दीपों का प्रज्वलन किया

सत्यम बुंदेली संग्रहालय ने 1959 के दस्तावेजों की लगाई प्रदर्शनी

गजेंद्र ठाकुर। सागर। विश्व बौद्ध धर्म गुरु परम् पावन दलाई लामा को हिमाचल प्रदेश में आज राज्यपाल राजेंद्र आरेलकर के मुख्य आतिथ्य एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन तथा जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा के द्वारा गांधी मंडेला शांति पुरस्कार से विभूषित करने की खुशी में भारत तिब्बत मैत्री संघ ने स्थानीय एम एल बी स्कूल के निकट एक समारोह महापौर प्रतिनिधि डॉ सुशील तिवारी बुंदेली गायक हरगोविंद विस्व, भारत तिब्बत मैत्री संघ के महेश दत्त त्रिपाठी, समाज सेविका डॉ वंदना गुप्ता, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार सुबोध मलैया, दामोदर अग्निहोत्री की उपस्थिति में 101 दीपों का प्रज्वलन कर खुशी मनाई। इस अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के राष्ट्रीय अध्य्क्ष आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में नोबेल पुरुस्कृत दलाई लामा जी को हिमाचल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान गांधी मंडेला शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर हम सब भारत सरकार से मांग करते हैं कि उन्हें भारत रत्न मिले तथा कैलाश मानसरोवर जैसी सनातन धर्म स्थल एवं तिब्बत की स्वतंत्रता मिले तथा परम पावन को भारत की संसद में ससम्मान आमंत्रित किया जाए। हरगोविंद विश्व ने कविता के माध्यम से दलाई लामा के दीर्घ जीवन की कामना की। डॉ वंदना गुप्ता ने फलदार पौधों का वितरण कर तिब्बत मुक्ति का पुरजोर समर्थन किया। सुबोध मलैया जी ने कहा कि हमारे सागर के संविधान निर्मातात्रय डॉ गौर, पंडित रविशंकर शुक्ल, रतन जी लाल मालवीय तीनो की चौराहे पर एक साथ प्रतिमा स्थापित हो तथा डॉ हरिसिंह गौर के साथ ही दलाई लामा जी को भारत रत्न मिले।

दीपक स्वामी ने कहा यह पुरस्कार परम पावन की सर्वव्यापी करुणा शांति सद्भाव को बढ़ावा देने एवं तिब्बत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों का सुफल है भारत तिब्बत सहयोग मंच के बिट्टू पहलवान ने कहा कि परोपकारी जागृत मन की साधना एवं जीवो की भलाई से मन में शांति, दृढ़ संकल्प पनपता है डॉक्टर सुशील तिवारी ने पुष्प माला अर्पित कर सागर के शिक्षाविद महेश त्रिपाठी को राजगीर बिहार में प्रधानमंत्री द्वारा मंच से सम्मानित किए जाने सागर के गौरव बताया। तथा दुनिया में अमन चैन हेतु दलाई लामा के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर सत्यम बुंदेली संग्रहालय के संस्थापक अध्यक्ष दामोदर जी अग्निहोत्री ने 1959 में दलाई लामा के भारत आगमन पर प्रकाशित दुर्लभ संचार पत्रो की प्रदर्शनी आयोजित की। समारोह में डॉ वन्दना गुप्ता, हरगोविंद विश्व, आचार्य पंडित महेश जी त्रिपाठी, ममता त्रिपाठी, किरण केशरवानी, ऋग्वेद त्रिपाठी, गरम कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष सेरिंग पोलजोर, पौरवों फोरिंग एवं समस्त तिब्बती भी बहिन उपस्थित रहे।

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