सागर। देवरी क्षेत्र में स्कूली शिक्षा व्यवस्था खस्ताहाल नजर आती हैं जिले के जिम्मेदार अधिकारी कोई सुधारवादी कदम उठाते नही दिख रहें जिससे जहां नौनिहालों का भविष्य चौपट हो रहा है वही शासन को हर माह लाखों रुपए का नुकसान पहुंच रहा है।
ताजा मामला देवरी विकासखंड का है जहां करीब 2 साल पहले 12 प्राथमिक शालाओ में दर्ज संख्या शून्य होने पर स्कूल बंद कर दिए गए थे और वहां पदस्थ शिक्षकों को विभिन्न संकुलो की प्राथमिक शालाओं में अटैच कर दिया गया था करीब 2 साल से यह शिक्षक एक प्रकार से मुफ्त की तनख्वाह पा रहे है। जबकि शिक्षकों से शासन काम नहीं ले पा रहा है ।
ऐसा ही मामला रसेना संकुल की प्राथमिक शाला का है जहां 115 दर्ज बच्चों पर 7 शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया है जबकि रासेना में पहले से ही तुलसीराम चढ़ार रजनी धुर्वे ललिता उईके और महेंद्र खंगार आदि शिक्षक पहले से ही पदस्थ थे और प्राथमिक शाला पंजरा में पदस्थ शिक्षक सतीश यादव एवं अंजना मिश्रा को स्कूल में बच्चों की संख्या शून्य होने पर उन्हें भी रसेना एकीकृत साला में अटैच कर दिया है इसी तरह प्राथमिक शाला बरजोरसा बंद हो जाने के कारण राजेंद्र यादव शिक्षक एवं मुकेश प्रजापति देगुवा प्राथमिक शाला बंद होने पर रसेना में अटैच किया गया है जबकि यहां बच्चों की दर्ज संख्या के मान से पहले से भी से ही शिक्षक पदस्थ थे वही 4 शिक्षकों की नए सिरे से पदस्थापना कर दी जो शासन के नियम विरुद्ध और हास्यास्पद है जबकि विकासखंड में जहां बच्चों की दर्ज संख्या अधिक होने पर एक शिक्षक ही कार्यरत है और वहां इन शिक्षकों को अटैच नहीं किया गया है जबकि इसी तरह प्राथमिक शाला अटारी बंद होने पर शिक्षक प्रहलाद राय और सुरेंद्र सिंह दांगी को गौरझामर संकुल और गुगवारा प्राथमिक शाला बंद होने पर शिक्षक हरिनारायण कटारे को बालक शाला गौरझामर में अटैच कर दिया गया है इसी तरह माध्यमिक शाला भादरा के शिक्षक सुरेश कुमार को एक्सीलेंस स्कूल महाराजपुर अटैच किया गया है वही प्राथमिक शाला करणपुर में पदस्थ शिक्षक इंद्राज यादव जावेद अली को स्कूल बंद हो जाने पर एक्सीलेंस स्कूल देवरी में अटैच किया गया है गौरतलब है कि जहां शिक्षकों की आवश्यकता है वहां इन बंद शालाओं के शिक्षकों को अटैच नहीं किया गया है या बच्चों की दर्ज संख्या कम है वहां पूर्व से अतिरिक्त शिक्षक पदस्थ और बंद शालाओं के शिक्षक को भी यहीं पर अटैच कर दिया गया है जिससे शिक्षकों की अधिकता होने से यह शिक्षक कभी आती है और कभी नहीं आती और इन्हें शासन लाखों रुपए की तनख्वाह मुफ्त में दे रही है जबकि विकासखंड में जहां शिक्षकों की आवश्यकता है वहां इन शिक्षकों को अटैच नहीं किया जा रहा है।
2 साल से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस मामले में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है यहां तक की सागर जिले के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जिला शिक्षा अधिकारी सागर को निर्देश भी दिए थे इसके बावजूद भी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा शिक्षकों की अन्य विद्यालयों में पदस्थापना नहीं की जा रही है जिससे शिक्षक भी परेशान है और वह लगातार विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक से बात करना चाही तो उन्होंने बार-बार घंटी जाने के बाद भी फोन रिसीव नहीं किया।
“विकास खंड शिक्षा अधिकारी आर के जैन का कहना है उन्हें शिक्षकों के अटैचमेंट करने के अधिकार नहीं है वह जिला शिक्षा अधिकारी ही कर सकते हैं उनका लिखित आदेश मिलने पर वह शिक्षकों का अटैचमेंट कर सकते हैं वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि शिक्षा पोर्टल से शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है और वह व्यवस्था कि जा रही है।”
खबर का असर.com न्यूज के लिए देवरी से भूपेंद्र ठाकुर की खबर